अनोखे विरासत को समेटे है माता का डबरसैनी पहाड़, पर्यटन स्थल के रूप में मिल चुकी स्वीकृति

नव वर्ष पर पूजा के साथ पिकनिक मनाने के लिए लोगो की उमड़ती है भीड़ 

अनोखे विरासत को समेटे है माता का डबरसैनी पहाड़, पर्यटन स्थल के रूप में मिल चुकी स्वीकृति
माँ डबरसैनी का मंदिर

लगभग 8 किलोमीटर की दूरी में फैली पहाड़ ओर उसमे छाई हरियाली ओर पहाड़ी पर बसी माँ डबरसैनी माता का मंदिर काफी आकर्षक है. पहाड़ की सुंदरता और हरियाली लोगो को खूब लुभाती है, जिसके कारण प्रत्येक दिन लोगो का आना जाना लगा रहता है

गिरिडीह: बिरनी प्रखण्ड मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूर माँ डबरसैनी पहाड़ आज भी अनोखे विरासत को समेटे हुई है. लगभग 8 किलोमीटर की दूरी में फैली पहाड़ ओर उसमे छाई हरियाली ओर पहाड़ी पर बसी माँ डबरसैनी माता का मंदिर काफी आकर्षक है. पहाड़ की सुंदरता और हरियाली लोगो को खूब लुभाती है, जिसके कारण प्रत्येक दिन लोगो का आना जाना लगा रहता है, वही आस्था से परिपूर्ण माता के दरबार मे प्रत्येक दिन सैकड़ो लोग श्रद्धा के साथ पूजा अर्चना करने को लेकर पहुँचते हैं व मन्नत मांगते हैं.

आस्था से जुड़ा है माता का दरबार

पूर्वजो के द्वारा बताया जाता है कि माँ डबरसैनी माता मन्दिर आस्था से जुड़ा हुआ है. पहाड़ के ऊपर एक कुँवा हुवा करता था. उस कुँवा पर लोग पहुँचकर माता से जो बर्तन वगरैह शादी बिवाह को लेकर मांगते थे. दूसरे सुबह उस कुँवा के ऊपर रखा हुआ मिलता था  काम हो जाने के बाद पुनः उस बर्तन को साफ सुथरा करके उस कुँवा के उपर रख देते थे. लेकिन एक दिन किसी ब्यक्ति के द्वारा जूठा बर्तन को ही कुँवा पर रख दिया. जिसके बाद कुँवा के ऊपर एक पहाड़ खिसक कर गिर गया और वह कुँवा सदा के लिए बिलुप्त हो गया. लेकिन आज भी माँ की महिमा लोगो के उपर बनी हुई है जिसके कारण लोग माता के दरबार मे अपनी मन्नत मांगते है और उसको वह फल जरूर प्राप्त होता है. 

पहाड़ के तलहटी में कई मंदिर को ग्रामीणों ने किया स्थापित

माता के असीम कृपा के कारण लोगो की आस्था बढ़ती गई है और मन्दिर के तलहटी में कई देवी देवताओं को स्थापित किया गया है. जिसके कारण शादी जोड़े की देखा देखी, बैठक वगेरह प्रत्येक दिन चलता रहता है.

पर्यटन स्थल के रुप में मिल चुकी है स्वीकृति

माँ डबरसैनि पहाड़ को बिक़सीत करने को लेकर आसपास के दर्जनो गाँव के लोगो को जोड़कर समिति बनाई गई है. समिति के सदस्यो ने पहाड़ व माता मन्दिर को पर्यटन स्थल घोषित करने की मांग लगातार सरकार से किया. जिसके बाद राज्य सरकार ने गिरिडीह उपायुक्त से रिपोर्ट मंगवाते हुए पर्यटन स्थल के रूप में स्वीकृति दी. पर्यटन स्थल स्वीकृति मिलने के बाद बिभाग के द्वारा 50 लाख से बहुदेसीय भवन का निर्माण कराया गया है. 

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कैसे पहुंचें माता का मंदिर

माँ डबरसैनी मन्दिर जाने के लिए राजधनवार सरिया मुख्य मार्ग में बरहमसिया मोड़ से 3 किलोमीटर कोवाड रॉड में डबरसैनि चोक से 500 मिटर दक्षिण मन्दिर परिसर है. वहा जाने के लिए अपनी वाहन या फिर बरहमसिया मोड़ से टेम्पो के सहारे जा सकते है

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Edited By: Sujit Sinha

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