भूखमरी से मौत के आरोपों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी केंद्र सरकार

नयी दिल्ली : झारखंड में भाजपा के शासन में भूख से मौत होने और देशभर में लगभग तीन करोड़ गरीबों के राशन कार्ड को मनमाने तरीके से रद्द करने के आरोपों को केंद्र सरकार ने इनकार कर दिया है। एक याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि वह इन आरोपों को गलत साबित करने को तैयार है।

अटॉर्नी जनरल ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकारों के जवाब का इंतजार कर रही है। जिसके बाद केंद्र राज्यों के जवाबों का मिलान करेगी। इसके बाद केंद्र राशन कार्ड मामले में अपना विस्तृत हलफनामा दाखिल करेगी।
याचिकाकर्ता के वकील गोंजाल्विस ने दावा किया कि देशभर में कुल तीन करोड़ गरीबों का राशन कार्ड अधिकारीयों ने रद्द कर दिया इसके अलावा झारखंड के सिमडेगा में 13 वर्षीय संतोषी की भी इसलिए मृत्यु हो गयी, क्योंकि उसके आधार कार्ड से राशन कार्ड का विवरण मेल नहीं खा रहा था, जिस कारण से वह राशन प्राप्त करने से वंचित रह गयी। साथ ही गोंजाल्विस ने केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के संसद में दिए गये जवाब का भी हवाला दिया। इसमें पासवान ने कहा था कि अनाजों की कालाबाजारी रोकने के इरादे से 2.33 करोड़ राशन कार्ड रद्द कर दिया गया है।
इस पर केंद्र का बचाव करते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि यह आंकड़े 2013 से 2016 के बीच के हैं। यह आंकड़े फर्जी राशन कार्ड से जुड़े हुए हैं।
वहीँ इस मामले पर सुनवाई करने वाली पीठ ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई चार हफ़्तों के बाद होगी। साथ ही कोर्ट ने राज्यों को इस मामले में अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश भी दिया है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर निर्देश दिया था कि खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सभी को अन्न आपूर्ति सुनिश्चित करने एवं सम्बन्धित शिकायत की समाधान के लिए उठाये गये क़दमों से अवगत कराया जाए।