#MannKiBaat मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज क्या खास बोला?

नयी दिल्ली : महीने का आखिरी रविवार के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया. मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना, लाॅकडाउन, पर्यावरण व अन्य बिंदुओं पर बात की.

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश सामूहिक रूप से कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ रहा है. जब हम दुनिया की तरफ देखते हैं तो यह अहसास होता है कि वास्तव में भारतवासियों की लड़ाई कितनी बड़ी है. हमारे देश की आबादी ज्यादातर देशों से कई गुणा अधिक है, चुनौतियां भी भिन्न प्रकार की हैं, फिर भी हमारे यहां कोरोना उतनी अधिक संख्या में नहीं फैल पाया, जैसा दूसरे देशों में हुआ. कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर भी हमारे यहां काफी कम है. देशवासियों की संकल्पशक्ति के साथ एक और ताकत इस लड़ाई में बड़ी है, वह है सेवाशक्ति. हमारे नर्सिंग स्टाफ, सफाई कर्मचारी, पुलिस, मीडिया के साथी ये सब सेवा कर रहे हैं.
देश के सभी हिस्सों में सेल्फ हेल्प ग्रुप की सफलता की कहानियां भी पिछले दिनों आयीं. गांव में छोटे कस्बों में बहू बेटियां सैकड़ों की संख्या में मास्क बना रही हैं, सामाजिक संस्थाएं इनका सहयोग कर रही हैं. कोरोना के खिलाफ लड़ाई का रास्ता काफी लंबा है. एक ऐसी आपदा जिसका कोई इलाज नहीं है, जिसका पहले से कोई अनुभव नहीं है, ऐसे में नयी नयी चुनौतियां और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं. हमारे देश में कोई ऐसा वर्ग नहीं है जो संकट में परेशानी में नहीं है. हम सब मिल कर तकलीफ पीड़ा को बांटने का प्रयास कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक तरफ जहां पूर्वी भारत तूफान से आयी आपदा का सामना कर रहा है, वहीं देश के कई हिस्से टिड्डियों के हमले से प्रभावित हुए हैं. इन हमलों ने हमें फिर यह याद दिलाया है कि यह छोटा सा जीव कितना नुकसान कर सकता है. इनका हमला कई दिनों तक चलता है. भारत सरकार, राज्य सरकारें व कृषि विभाग इससे बचाव के उपाय कर रहे हैं.
पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा. इस साल का विषय जैव विविधता है. वर्तमान परिस्थितियों में यह थीम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. लाॅकडाउन में जीवन की रफ्तार कुछ धीमी जरूर हुई है, लेकिन इस दौरान हमें जैव विविधता, प्रकृति की विविधता को करीब से देखने का अवसर मिला है. स्वच्छ पर्यावरण सीधे हमारे बच्चों का भविष्य है. पर्यावरण दिवस पर कुछ पेड़ अवश्य लगाएं. इतनी कठिनाइयों के बाद हमने जिस तरह देश के हालात को संभाला है, उसे बिगड़ने नहीं देना है. आपके परिवार को अभी कोरोना से उतना ही गंभीर खतरा हो सकता है. हमें सबकी जिंदगी बचानी है. मुझे पूरा विश्वास है कि आप अपने लिए, अपनों के लिए, अपने देश के लिए सावधानी अवश्य बरतेंगे. माॅस्क, हाथ को धोना जैसी सावधानियों का आप वैसे ही पालन करते रहेंगे, जैसा कि अबतक करते रहे हैं. हमें लड़ाई को कमजोर नहीं होने देना है.