मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने जल संरक्षण पर की बात, बोले – अभी से प्रयास जरूरी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि जल हमारे लिए जीवन, आस्था और विकास की धारा है, पानी एक तरह से पारस से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है। पानी के संरक्षण के लिए हमें अभी से ही प्रयास शुरू कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 22 मार्च को विश्व जल दिवस है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है। आज का दिन भारत के महान वैज्ञानिक डाॅ सीवी रमन द्वारा की गयी रमन इफेक्ट खोज को समर्पित है। उन्होंने कहा कि जब हम विज्ञान की बात करते हैं तो कई बार लोग इसे भौतिक विज्ञान और रसायन विज्ञान या फिर लैब तक ही सीमित कर देते हैं, लेकिन विज्ञान का विस्तार इससे कहीं अधिक है और आत्मनिर्भर भारत अभियान में विज्ञान की शक्ति का बहुत योगदान है।
पीएम ने कहा कि जब हम आसमान में अपने देश में बने लड़ाकू विमान तेजस को कलाबाजियां खाते देखते हैं, जब भारत में बने टैंक, मिसाइलें हमारा गौरव बढ़ाते हैं। जब हम दर्जनों देशों तक मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन को पहुंचते देखते हैं तो हमारा माथा और ऊंचा हो जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि असम में हमारे मंदिर प्रकृति के संरक्षण में अपनी अलग ही भूमिका निभा रहे हैं। आप हमारे मंदिरों को देखेंगे तो पाएंगे कि हर मंदिर के पास तालाब होता है। इनका उपयोग विलुप्त होते कछुओं की प्रजातियों को बचाने के लिए किया जा रहा है। असम में कछुओं की सबसे अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं।