प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में क्या बोला?

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए आज राज्यसभा में बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के 75वें साल में हम प्रवेश कर रहे हैं। यह एक प्रेरक मौका है। हम जहां हों, मां भारती की संतान के रूप में आजादी के 75वें पर्व को हमें प्रेरणा का पर्व मानना चाहिए।

#WATCH LIVE: PM Modi replies in Rajya Sabha to the Motion of Thanks on the President’s Address.(Source: Rajya Sabha TV) https://t.co/FkIpRmd9kN
— ANI (@ANI) February 8, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यहां लोकतंत्र को लेकर काफी उपदेश दिए गए हैं। मैं नहीं मानता कि जो बातें बताई गई हैं देश का कोई भी नागरिक उन पर भरोसा करेगा। भारत का लोकतंत्र ऐसा नहीं है जिसकी खाल हम इस तरह से उधेड़ सकते हैं, ऐसी गलती हम न करें। उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र किसी भी मायने में वेस्टर्न इंस्टीट्यूशन नहीं है। यह एक ह्यूमन इंस्टीट्यूशन है। भारत का इतिहास लोकतांत्रिक संस्थानों के उदाहरणों से भरा पड़ा है। प्राचीन भारत में 81 गणतंत्रों का वर्णन मिलता है।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में दुनिया में लोग निवेश के लिए तरस रहे हैं लेकिन भारत में रिकॉर्ड निवेश हो रहा है। तथ्य बता रहे हैं कि अनेक देशों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल है जबकि दुनिया भारत में डबल डिजिट ग्रोथ का अनुमान लगा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा विदेश मुद्रा भंडरा भड़ा हुआ है।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है। 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया। अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती, तो ये आंकड़ा उससे भी ज्यादा होता। अब तक 1 लाख 15 हज़ार करोड़ रुपये किसान के खाते में भेजे गये हैं।
A new entity has come up in the country- ‘Andolan Jivi’. They can be spotted wherever there is a protest, be it agitation by lawyers, students, or labourers, explicitly or implicitly. They cannot live without ‘andolan’, we have to identify them & protect nation from them: PM Modi pic.twitter.com/CbCDRthd3X
— ANI (@ANI) February 8, 2021
प्रधानमंत्री ने कहा कि एमएसपी था, एमएसपी है और एमएसपी रहेगा। उन्होंने कहा कि कि शरद पवार व कांग्रेस के लोग सभी सरकारें कृषि सुधारों के लिए खड़ी हुई हैं। ऐसा करने में सक्षम थे या नहीं, लेकिन उन्होंने इसकी वकालत कि कि यह किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पंजाब के साथ क्या हुआ। इसे विभाजन के दौरान सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा। वह 1984 के दंगों में सबसे अधिक रोया था। वे सबसे दर्दनाक घटनाओं के शिकार हुए। जम्मू कश्मीर में मासूमों की हत्या कर दी गयी। पूर्वोत्तर में हथियारों का कारोबार किया जाता था, इन सबने देश को प्रभावित किया।