नीतीश कुमार ने पहली बार पवन पर मुंह खोला, वर्मा बोले – पहले पत्र का जवाब, उसके बाद विचार

पटना/नयी दिल्ली : जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के नेता व पूर्व राज्यसभा सांसद पवन वर्मा पर पहली बार बयान दिया है. पवन वर्मा इन दिनों पार्टी लाइन से अलग लाइन लिए हुए हैं और नेतृत्व के संशोधित नागरिकता कानून पर लिए गए स्टैंड से असहमत हैं. नीतीश ने जहां मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन किया है, वहीं वर्मा इसके विरोध में लगातार बोल रहे हैं. नीतीश ने आज इन्हीं सवालों पर पत्रकारों से कहा कि अगर किसी के मन में कोई बात है तो आकर के विमर्श करना चाहिए, बातचीत करनी चाहिए और इसके लिए जरूरी समझें तो पार्टी बैठक में चर्चा करनी चाहिए.
#WATCH Bihar CM Nitish Kumar on JDU leader Pawan Verma’s letter to him on CAA&NRC: If anyone has any issues then the person can discuss it within party or at party meetings, but such kind of public statements are surprising. He can go and join any party he likes, my best wishes. pic.twitter.com/qFXgVSWfKu— ANI (@ANI) January 23, 2020
उन्होंने कहा कि आप यह किस तरह का बयान दे रहे हैं कि हमसे क्या बात करते थे. अब यह हम बताएंगे कि हमसे क्या बात करते थे. नीतीश कुमार ने कहा कि वे पवन वर्मा की इज्जत करते हैं, भले ही वे हम लोगों की इज्जत करते हों या नहीं. उन्होंने कहा कि यह उनका अपना निर्णय है, जहां जाना हो वहां जाएं. मुझे इस पर कोई एतराज नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू को समझने की कोशिश कीजिए कुछ लोगों के बयान से जदयू को मत देखिए. उन्होंने कहा कि जदयू बड़ी दृढता से अपना काम करता है और चीजों पर हमारा स्टैंड बहुत ही साफ होता है. उन्होंने कहा कि एक भी चीज के बारे में हम असमंजस में नहीं रहते हैं.
वहीं, पवन वर्मा ने नीतीश कुमार के पार्टी फोरम पर चर्चा के बयान का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि मेरा यही सवाल था. उन्होंने कहा कि उनका कभी उन्हें पीड़ा पहुंचाना उद्देश्य नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि पार्टी सिद्धांतों पर स्पष्ट रहे. उन्होंने कहा कि वे अपने पत्र के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे है, उसके बाद आगे की कार्रवाई पर विचार करेंगे.
कौन हैं पवन वर्मा?
पवन वर्मा पूर्व नौकरशाह है. वे कई पुस्तकों के लेखक हैं और देश के विभिन्न अखबारों में उनका लेख छपता रहता है. पवन वर्मा मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं, जिन्हें नीतीश कुमार ने बिहार से राज्यसभा भेजा था. पवन वर्मा ने ही 2015 के बिहार चुनाव से पूर्व नीतीश कुमार की चुनाव प्रबंधक प्रशांत किशोर से मुलाकात करवाई थी. पवन वर्मा नीतीश कुमार के करीबी सलाहकारों में रहे हैं. जब नीतीश ने पिछली बार भाजपा से अलग होने पर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था तो पवन वर्मा उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने नीतीश से आग्रह किया था कि वे फिर सरकार की कमान अपने हाथ में लें.
Pawan Verma, JDU:Welcome Mr.Nitsh Kumar’s statement that there is space for discussion within party, as that is what I asked for.Was never my intention to hurt him. I want party to have ideological clarity.Awaiting reply to my letter,will decide future course of action after that https://t.co/IMJvNU0W01 pic.twitter.com/KQdL9c8HGP
— ANI (@ANI) January 23, 2020