स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले को लेकर सरकार सख्त, दोषी को होगी सात साल तक की जेल, पांच लाख जुर्माना

नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों पर हो रहे हमलों को लेकर सरकार ने आज कड़े फैसले लिए. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वाले के खिलाफ कठोर कार्रवाई के संबंध में एक अध्यादेश लाने का निर्णय लिया गया है. कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य कर्मियों पर हो रहे हमले पर चिंता भी जतायी गयी.

मेडिकल टीम पर हमला करने पर 3महीने से 5साल की सजा और 50,000 से 2 लाख रुपए तक का जुर्माना होगा। अगर गंभीर नुकसान हुआ है तो 6महीने से 7साल की सजा का प्रावधान और जुर्माना 1लाख से 5लाख रुपए है: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर https://t.co/EUxZKgu5Fp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 22, 2020
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इस महामारी से देश को बचाने की कोशिश कर रहे स्वास्थ्यकर्मी दुर्भाग्य से हमलों का सामना कर रहे हैं. उनके खिलाफ हिंसा या इस तरह की कोई घटना बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसके लिए एक अध्यादेश लाया गया है, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा.
जावड़ेकर ने कहा कि महामारी रोग अधिनियम, 1897 में संशोधन कर अध्यादेश लागू किया जाएगा. ऐसा अपराध अब संज्ञेय और गैर जमानती होंगे. 30 दिनों के अंदर जांच की जाएगी. मेडिकल टीम पर हमले के आरोपी को तीन महीने से पांच साल तक की सजा हो सकती है और 50 हजार से दो लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि गंभीर चोटों के मामले में आरोपी को छह महीने से सात साल तक की सजा हो सकती है. साथ में दोषी पर एक लाख रुपये से लेकर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यदि स्वास्थ्यकर्मियों के वाहनों या क्लीनिकों को नुकसान पहुंचता है तो क्षतिग्रस्त संपत्ति का दोगुना मुआवजा दोषियों से लिया जाएगा.