राजस्थान में किसान नेता राकेश टिकैत के काफिले पर हमला, शीशे तोड़े, लाठी चलाई, हिरासत में लिए गए चार

अलवर (Rakesh Tikait Alwar News): राजस्थान के अलवर में किसान नेता राकेश टिकैत के काफिले पर शुक्रवार को कुछ उपद्रवी तत्वों ने हमला किया। हालांकि इस हमले से राकेश टिकैत को कोई क्षति नहीं हुई लेकिन उनके काफिले में शामिल वाहन के शीशे तोड़े गए एवं लाठियां भांजी गयीं। साथ ही पुलिस की पिस्टल छिनने की भी कोशिश की गयी।

राजस्थान: अलवर में किसान नेता राकेश टिकैत के काफिले पर कुछ लोगों द्वारा कथित तौर पर हमले का मामला सामने आया है।
राकेश टिकैत ने बताया, “पुलिस का पिस्टल छीनने की कोशिश की गई। पत्थर मारकर गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए, लाठी चलाई गई।” pic.twitter.com/eqLeYjYyge
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 2, 2021
पुलिस ने इस मामले में चार लोगों को हिरासत में लिया है। राकेश टिकैत ने बताया कि हमले के दौरान पुलिस की पिस्टल छीनने की कोशिश की गयी। पत्थर मार कर गाड़ी के शीशे तोड़ दिए गए और लाठियां चलायी गयीं। राकेश टिकैत को इस दौरान काले झंडे भी दिखाए गए और स्याही फेंकी गयी।
इस मामले को लेकर एएसपी गुरुशरण ने बताया कि किसान नेता राकेश टिकैत के साथ जो घटना हुई है, उसमें चार लोग हिरासत में लिए गए हैं। बाकी लोगों को श् नामजद करके टीम भेज दी गयी है। उन्हें भी जल्द हिरासत में लिया जाएगा। स्याही फेंकने की, काले झंडे दिखाने की बात सामने आयी है। शीशा कैसे तोड़ा गया है, इसकी जांच की जा रही है।
किसान नेता राकेश टिकैत के साथ जो घटना हुई है, इसमें 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है। बाकी लोगों को नामजद करके टीम भेज दी गई है, उन्हें भी जल्द हिरासत में लिया जाएगा। स्याही फेंकने की, काले झंडे दिखाने की बात सामने आई है। शीशा कैसे तोड़ा है इसकी जांच की जा रही है: एएसपी गुरूशरण https://t.co/RmbdYeyYgo pic.twitter.com/MOTLI070DW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 2, 2021
मालूम हो कि दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत किसान आंदोलन के प्रमुख नेता के रूप में उभरे हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत देश के विभिन्न राज्यों में जाकर किसान महापंचायत कर समर्थन जुटा रहे हैं और उन्होंने अक्टूबर में पूरे देश से ट्रैक्टर रैली में लाखों किसानों को जुटाने की केंद्र सरकार को चेतावनी दी है। राकेश टिकैत मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी वैधता देने की मांग कर रहे हैं। सरकार कानून में संशोधन के लिए तैयार है, लेकिन वह उसे पूरी तरह रद्द करने के पक्ष में नहीं है।