पीएम मोदी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया

नयी दिल्ली : हॉकी में भारतीय पुरुष एवं महिला टीम दोनों के शानदार प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदल कर मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार कर दिया है। मेजर ध्यान चंद भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी के जादूगर कहे जाते थे।

I have been getting many requests from citizens across India to name the Khel Ratna Award after Major Dhyan Chand. I thank them for their views.
Respecting their sentiment, the Khel Ratna Award will hereby be called the Major Dhyan Chand Khel Ratna Award!
Jai Hind! pic.twitter.com/zbStlMNHdq
— Narendra Modi (@narendramodi) August 6, 2021
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की स्थापना 1991-92 में हुई थी। इसके तहत खिलाड़ी को प्रशस्ति पत्र, अवार्ड एवं 25 लाख रुपये की राशि दी जाती है। पहला राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार शतरंज खिलाड़ी ग्रैंड मास्टर विश्वनाथ आनंद को दिया गया था। भारत की 45 खेल हस्तियां अबतक इस अवार्ड से सम्मानित हो चुकी हैं। हॉकी में धनराज पिल्लै, सरदार सिंह एवं ओलिंपिक में मौजूदा महिला हॉकी कप्तान रानी रामपाल को पिछले साल यह अवार्ड दिया गया था।
देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम बदले जाने के बाद मेजर ध्यान चंद एवं राजीव गांधी सोशल मीडिाय पर ट्रेंड कर रहे हैं।
मेजर ध्यान चंद के बेटे अशोक ध्यानचंद ने कहा है कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने के लिए मैं सरकार, प्रधानमंत्री और खेल मंत्रालय का धन्यवाद करता हूं।
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार करने के लिए मैं सरकार, प्रधानमंत्री और खेल मंत्रालय का धन्यवाद करता हूं: अशोक ध्यानचंद, मेजर ध्यानचंद के बेटे और पूर्व हॉकी खिलाड़ी pic.twitter.com/7e8b2G5E0q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 6, 2021
मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयागराज में हुआ था। भारत में उनके जन्मदिन को खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनका असली नाम ध्यान सिंह था। 16 साल की उम्र में वे भरतीय सेना में शामिल हो गए और चांद की रोशनी में हॉकी की प्राइक्टिस करने के कारण उन्हें ध्यानचंद कहा जाने लगा। उनमें गोल करने की अद्भुत प्रतिभा थी और इस कारण भारत ने 1928, 1932 प 1936 में लगातार चार बार हॉकी में गोल्ड मेडल हासिल किया था।