बढ़ते दुष्कर्म पर बोले डीजीपी एमवी राव- समाज, परिवार को आगे आना होगा

रांची: राज्य में बढ़ते दुष्कर्म और दुष्कर्म के बाद हत्या (Murder after rape) रुकने के लिए पुलिस के पास कोई उपाय नहीं है. झारखंड पुलिस (Jharkhand Police) ने ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए दूसरे राज्यों की पुलिस द्वारा उठाए गए कदम अन्य बिंदुओं का मंथन किया. लेकिन किसी राज्य की पुलिस के पास ऐसी घटनाओं पर नियंत्रण पाने का कोई उपाय नहीं मिला. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए परिवार के साथ-साथ समाज को आगे आना होगा. तब जाकर घटना रुक सकती है. ये सभी बातें राज्य के कार्यकारी डीजीपी एमवी राव (Executive DGP MV Rao) पुलिस मुख्यालय में कहा.

हाल के दिनों में प्रदेश में हुई घटना पर डीजीपी चिंतित दिखे और पुलिस के करवाई से संतुष्ट भी. उन्होंने कहा संभावित घटनास्थल पर पुलिस ने अपनी गस्त बढ़ा दी है. असामाजिक तत्वों (Anti-social elements) पर पुलिस की विशेष नजर है. डीजीपी ने कहा कि हाल में प्रदेश के विभिन्न इलाकों में घटित बच्चियों नाबालिग से दुष्कर्म हत्या घटनाओं में मन व्यथित हुआ है. पुलिस निष्पक्ष होकर पूरी संवेदनशीलता के साथ जांच कर रही है. सभी घटनाओं के 95 प्रतिशत आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुका है.
समाज को आगे आने होगा
इन आरोपियों को स्पीडी ट्रायल से कठोर से कठोर सजा दिलाने की कोशिश में पुलिस लगी हुई है. अधिकांश घटना अभियुक्त भुक्तभोगी (Accused victim) के जान पहचान वाले हैं. एमवी राव ने कहा कि चोरी, डकैती, तस्करी, , लूट आदि घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस आपके पास अपना तंत्र है. लेकिन बच्चियों से होने वाले अपराध दुष्कर्म के उपाय पर नजर नहीं आते. बच्चों के संरक्षण के लिए पहले माता-पिता समाज, बड़े बुजुर्ग शिक्षक आते हैं.
पुलिस जारी करेगी नंबर
बच्चों की गतिविधियों की जानकारी रखना उसके संस्कार (sacraments) देना प्रत्येक परिवार एवं समाज की हम कार्य हैं. महिला सुरक्षा का ध्यान रखते हुए पुलिस द्वारा एक नंबर जारी किया जाएगा. इन नंबरों पर महिलाएं यौन उत्पीड़न (sexual harassment) का मामला दर्ज कर सकते हैं. गोपनीय ढंग (Confidential manner) से उसकी जांच की जाएगी. डीजीपी ने कहा रात को 11:00 बजे कोई लड़की, महिला घूमने जाती है उसके साथ दुष्कर्म जैसी घटना होती है इसे रोकने के लिए पुलिस की जिम्मेवारी नहीं है. लेकिन दिन के उजाले में कोई लड़की मॉल में शॉपिंग करने आती है वहां कोई घटना होती है ऐसी घटना को रोकने के लिए पुलिस की जिम्मेवारी है.