मनरेगा कानून की धारा को मजदूरी रोकने के लाइसेंस के रूप में नहीं पढा जा सकता : नरेगा संघर्ष मोर्चा

मनरेगा कानून की धारा को मजदूरी रोकने के लाइसेंस के रूप में नहीं पढा जा सकता : नरेगा संघर्ष मोर्चा

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के मनरेगा मजदूरों के भुगतान पर रोक का एक साल पूरा होने पर एक ऑनलाइन प्रेस कान्फ्रेंस के जरिए श्रमिक आंदोलनों से जुड़े लोगों ने केंद्र व राज्य सरकार से श्रमिक हित में पैसों का प्रवाह फिर से शुरू करने की मांग की। इस दौरान केंद्र व राज्य सरकार की कार्यवाहियों व मंशा पर भी सवाल उठाया गया। पश्चिम बंग खेत मजदूर संघ की अनुराधा तलवार, अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, निखिल डे आदि ने इस प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित किया।

नरेगा संघर्ष मोर्चा ने अपने बयान में कहा है कि केंद्र ने नरेगा का 7500 करोड़ रुपये एक साल से रोक रखा है, इसमें 2744 करोड़ रुपये मजदूरी के लंबित हैं। केंद्र ने 2022-23 के लिए श्रम बजट को मंजूरी नहीं दी है। काम ठप होने से इस वर्ष मनरेगा मजदूरी का 3891-6046 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस वर्ष काम के लिए औसत दिन कोविड के पूर्व के 63.46 दिन और कोविड के बाद के दिनों के 49.96 दिन से घट कर 23 रह गया है।

पश्चिम बंगाल में 26 दिसंबर 2021 से मनरेगा मजदूरों को पारिश्रमिक नहीं मिला है। नरेगा अधिनियम की धारा 27 को लागू करते हुए केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने के लिए राज्य को 7500 करोड़ रुपये अधिक की मनरेगा निधि जारी करने पर रोक लगायी गयी है। इस गरीब श्रमिक भुखमरी की ओर धकेल दिए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व कोविड काल में नरेगा मजदूरी का नुकसान 3891 करोड़ रुपये और कोविड के बाद के काल में 6046 करोड़ रुपये है।

बयान में कहा गया है कि श्रमिकों को उनका मेहनताना न देना नरेगा कानून का उल्लंघन है। नरेगा अधिनियम की धारा 27 कुछ परिस्थितियों में कुछ परिस्थितियों में केंद्र को नरेगा भुगतान रोकने की अनुमति दे सकती है, लेकिन इसके प्रावधान को पहले से काम कर चुके श्रमिकों के वेतन भुगतान रोकने के लाइसेंस के रूप में नहीं पढा जा सकता है।

यह भी पढ़ें Giridih news: गणतंत्र दिवस की तैयारी को लेकर उपायुक्त ने की अधिकारियों के साथ बैठक, दिए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश

नरेगा संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि 15 दिनों के अंदर भुगतान मजदूरों का बिना शर्त अधिकार है और ऐसा नहीं होना मौलिक अधिकारों व कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन है। केंद्र और राज्य दोनों सरकारों 3.4 करोड़ श्रमिकों के जीवन के मौलिक अधिकार के हनन की दोषी हैं। यह स्वराज अभियान के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विपरीत काम और मजदूरी से इनकार भी है। भ्रष्टाचार पर आंख मूंद कर राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सत्ताधारी दल के गुंडों द्वारा मजदूरों की राशि हड़प ली जाए। 2023 के मध्य के पंचायत चुनाव को लेकर मनरेगा मद को लेकर केंद्र व राज्य का गतिरोध राजनीतिक रंग लेता जा रहा है। मोर्चा ने कहा है कि भ्रष्टाचार से निबटने के लिए पारदर्शिता बढाने के उपाय किए जाएं। लेकिन, सामाजिक अंकेक्षण के मानक और उसके निष्कर्षाें पर की गयी कार्रवाई राज्य व देश में काफी हद तक असंतोषजनक है।

यह भी पढ़ें Palamu news: एसपी ने की जिलास्तरीय क्राइम मीटिंग, अपराध नियंत्रण का एक्शन प्लान तैयार  

मोर्चा ने मांग की है कि मनरेगा फंड तत्काल निर्गत किया जाए। भुगतान में देरी के लिए पूरी अवधि के लिए 0.05 प्रति दिन की दर से मुआवजा दिया जाए। 2744 करोड़ रुपये तत्काल जारी करने की जरूरत है।2022-23 का श्रम बजट को स्वीकृत व हस्तांतरित किया जाए। योजना में विसंगतियों व भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो। शिकायत निवारण व सामाजिक अंकेक्षण तंत्र को मजबूत किया जाए। राज्य सरकार को मजदूरी के तत्काल भुगतान के लिए 1000 करोड़ रुपये की एक निधि बनानी चाहिए। 2019 से मनरेगा पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच पत्राचार से संबंधित सभी दस्तावेज, केंद्रीय टीम के दौरे और कार्रवाई रिपोर्ट को सावर्जनिक किया जाए।

यह भी पढ़ें Ranchi news: प्रोजेक्ट भवन में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर की अध्यक्षता में आयोजित किया गया बजट पूर्व संगोष्ठी (25-26)

ऑनलाइन प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अनुराधा तलवार ने कहा कि एक साल से मजदूरों का उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने राज्य सरकार से तत्काल मजदूरी भुगतान के लिए एक हजार करोड़ रुपये का कोष बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए नाबार्ड से कर्ज ले सकती है।

वहीं, निखिल डे ने कहा कि पश्चिम बंगाल के श्रमिकों की मजदूरी रोकने की असली वजह भ्रष्टाचार नहीं है, भ्रष्टाचार तो हर राज्य में और हर कार्यक्रम में है। उन्होंने इसे कानून, मानवाधिकार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया।

Edited By: Samridh Jharkhand

Latest News

आज का राशिफल: मेष से लेकर मीन तक कैसा रहेगा आज 19 जनवरी का दिन, पढ़ें आज का राशिफल आज का राशिफल: मेष से लेकर मीन तक कैसा रहेगा आज 19 जनवरी का दिन, पढ़ें आज का राशिफल
पर्यावरण रसायन विज्ञान की प्रायोगिक पुस्तक शोधकर्ताओं के लिए अमूल्य संसाधन: कुलपति डॉ तपन कुमार
Ranchi news: Dspmu डीएसपीएमयू में सिंडिकेट की 23 वीं बैठक की गई आयोजित, कई गणमान्य हुए शिरकत
Palamu news: एसपी ने की जिलास्तरीय क्राइम मीटिंग, अपराध नियंत्रण का एक्शन प्लान तैयार  
Koderma news: डीएवी ने चलाया सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान
Dumka news: गरीबों के बीच किया गया कम्बल का वितरण
Crime news: रिम्स में चतरा से आई महिला के साथ दुष्कर्म, मचा हड़कंप
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए केंद्र और राज्य को मिलकर करना होगा कार्य: हेमन्त सोरेन
सलीमा टेटे को अर्जुन पुरस्कार मिलना झारखंडी समाज के लिए गर्व का विषय: विजय शंकर नायक
Koderma news: खेल महोत्सव के फुटबॉल और वॉलीबॉल में रोमांचक फाइनल, केन्द्रीय मंत्री ने विजेताओं को किया सम्मानित
Dumka news: वायुसेना अग्निपथ योजना के तहत कार्यशाला का आयोजन
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन की अचानक बिगड़ी तबीयत, टाटा मेन हॉस्पिटल में कराया गया भर्ती