मायावती अब बाहुबलियों को नहीं देंगी टिकट, मुख्तार अंसारी का टिकट काटने का किया ऐलान

लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष व उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती अपने राजनीतिक स्टैंड में लगातार बदलाव कर रही हैं और इसे अब अधिक स्वीकार्य बनाने की कोशिश में जुट गयी हैं। मायावती ने शुक्रवार की सुबह ट्वीट कर बाहुबलियों को टिकट नहीं देने का ऐलान किया।

2. जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2021
बसपा प्रमुख ने अपने नेताओं से टिकट के लिए चयन के दौरान कुछ सावधानियां बरतने की बात कही हैं। उन्होंने कहा है कि जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए निर्णय के फलस्वरूप प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई में कोई दिक्कत नहीं हो।
2. जनता की कसौटी व उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने के प्रयासों के तहत ही लिए गए इस निर्णय के फलस्वरूप पार्टी प्रभारियों से अपील है कि वे पार्टी उम्मीदवारों का चयन करते समय इस बात का खास ध्यान रखें ताकि सरकार बनने पर ऐसे तत्वों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने में कोई भी दिक्कत न हो।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2021
मायावती ने कहा है कि बीएसपी का संकल्प कानून द्वारा कानून का राज के साथ यूपी की तसवीर को अब बदल देने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय जैसी तथा बीएसपी जो कहती है, वह करके भी दिखाती है, यही पार्टी की सही पहचान भी है।
3. बीएसपी का संकल्प ’कानून द्वारा कानून का राज’ के साथ ही यूपी की तस्वीर को भी अब बदल देने का है ताकि प्रदेश व देश ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा कहे कि सरकार हो तो बहनजी की ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ जैसी तथा बीएसपी जो कहती है वह करके भी दिखाती है यही पार्टी की सही पहचान भी है।
— Mayawati (@Mayawati) September 10, 2021
मालूम हो कि साल 2022 के शुरुआत में उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है, जिसमें मायावती सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही हैं। मायावती ने इसके लिए ब्राह्मणों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं, उन्होंने पिछले दिनों यह भी कहा है कि वे अब सरकार बनाने पर पार्क-स्मारक नहीं बनवाएंगी बल्कि सिर्फ विकास का काम करेंगी। उन्होंने पिछले दिनों प्रबुद्ध सम्मेलन भी किया था।