रांची में कांग्रेस का संविधान बचाओ दिवस: नेताओं ने केंद्र पर की तीखी आलोचना
झारखंड के योगदान को संविधान निर्माण में याद किया गया
रांची में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी द्वारा संविधान बचाओ दिवस पर गोष्ठी आयोजित की गई, जिसमें नेताओं ने संविधान की मूल भावना की रक्षा और केंद्र की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए।
रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वाधान में संविधान बचाओ दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश की अध्यक्षता में पुराना विधानसभा के सभागार में संविधान बचाओ दिवस विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके पूर्व संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर एवं संविधान सभा के सभापति डॉ राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ के साथ सभा का समापन हुआ।

गोष्ठी में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केशव महतो कमलेश ने भारत के लोकतंत्र के संदर्भ संविधान की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संविधान भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है पूरे संविधान का मूल स्वरूप मूल भावना इसकी प्रस्तावना में ही निहित है।भारत का संविधान पूरे विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है,संविधान निर्माण में झारखंड के विभूतियों का भी योगदान है जो झारखंड के महत्व को दर्शाता है। इसी संविधान से देश का शासन तंत्र चलता है,संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने वाले संविधान को बदलने की सोच रखने वालों का हमें डटकर मुकाबला करना है।
वित्त मंत्री डॉ राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि संविधान इस देश में रहने वाले सभी वर्ग जाति धर्म के लोगों को समान अधिकार देता है। सरकार की जिम्मेदारी होती है कि संविधान को सामने रखकर योजनाएं बनाएं लेकिन आज ऐसी स्थिति नहीं है,केंद्रीय सत्ता कुछ लोगों के हाथों में सिमट कर रह गई है। हिंदुवाद का नारा दिया जा रहा है, अनुसूचित जाति,जनजाति को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। संविधान दिवस के अवसर पर भाजपा को चिंतन करना चाहिए कि क्या वह गरीबों को सम्मान देती है। आरक्षण समाप्त करने की दिशा में विचार किया जा रहा है लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी।
झारखंड में महागठबंधन की सरकार होने के कारण सौतेलेपन का व्यवहार केंद्र द्वारा किया जा रहा है कांग्रेस के शासनकाल में राज्यों के प्रति जिम्मेवारी का निर्वहन बिना भेदभाव के किया जाता था। पूर्व वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में संविधान बदलने के लिए 400 पार का नारा दिया गया इसके विरोध में कांग्रेस खड़ी है।संविधान में संशोधन की व्यवस्था है जो संविधान प्रदत्त है।अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में संविधान की समीक्षा के लिए समिति गठित की गई थी। केशवानंद भारती के केस के फैसले के अनुसार संविधान की मूल भावना में बदलाव नहीं किया जा सकता जिसके चलते भाजपा पूरा संविधान ही बदलना चाहती है।
आर एस एस मनुस्मृति को अपना संविधान मानती है इसलिए भारतीय संविधान की समीक्षा की बात आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत करते हैं।भारत के संविधान की प्रस्तावना समाजवादी सोच को सामने रखती है,इसमें सभी के हित, राष्ट्रहित की झलक मिलती है। राज्यों को अनुदान देना केंद्र की संवैधानिक बाध्यता है लेकिन राज्यों का विकास बाधित करने के उद्देश्य केंद्र जानबूझकर गैर भाजपा शासित राज्यों को समय पर राशि उपलब्ध नहीं कराती। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा कि वर्तमान केंद्रीय सत्ता के द्वारा संविधान द्वारा गठित धर्मनिरपेक्ष ढांचे के ताने-बाने को चकनाचूर कर दिया गया है।
भारत के चुनाव प्रणाली को सराहा जाता था लेकिन आज भारत के निर्वाचन आयोग का चेहरा चुनावी प्रक्रिया की हेरा फेरी के रूप में सामने आ रहा है। रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुल सचिव प्रोफेसर अमर चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा कि अगर संविधान नहीं होता तो समाज के वंचितों को उनका हक नहीं मिलता समाज के दलित पिछड़ा आदिवासियों के आर्थिक सामाजिक उन्नति के लिए संविधान के द्वारा आरक्षण की व्यवस्था की गई है जिसके चलते आज समाज का पिछड़ा तबका अल्पसंख्यक वर्ग आर्थिक और सामाजिक रूप से संपन्न हो रहा है। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश कांग्रेस महासचिव अमूल्य नीरज खलको एवं धन्यवाद ज्ञापन महिला कांग्रेस की अध्यक्ष रमा खालको ने किया।
कार्यक्रम में एससी सेल के अध्यक्ष केदार पासवान एवं उनके पदाधिकारीयों द्वारा सुरेश बैठा, अशोक चौधरी संजय लाल पासवान, रविंद्र सिंह,शमशेर आलम, रमा खलखो, जोसाइ मार्डी, सतीश पौल मुंजनी , रविंद्र सिंह अमुल नीरज खलखो विनय उरांव, नवीन सिंह, कुमार राजा, प्रोफेसर बिमलांशु शेखर मलिक को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से अशोक चौधरी, लाल किशोर नाथ शाहदेव, आलोक कुमार दुबे, सोनाल शांति, विनय सिन्हा दीपू, आभा सिन्हा, डॉ राकेश किरण महतो,निरंजन पासवान,राजेश सिन्हा सन्नी, राकेश किरण महतो, सूर्यकांत शुक्ला, सुरेन राम संजय कुमार, जफर इमाम, अख्तर अली सुनील सिंह, राजू चंद्रा, रश्मि पिंगुआ , मरियम, इंदिरा देवी, मीनू सिंह, मौसमी ऊषा पासवान ,शाहिद अहमद,सजर ख़ान,सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे।
