डिजिटल आर्काइव लॉन्च: पीएमएमएल ने इतिहास दस्तावेजों को किया ऑनलाइन
नए आईटी प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण के बाद शोधार्थी देख सकेंगे दस्तावेज
प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय ने शोधार्थियों के लिए रिमोट एक्सेस सुविधा शुरू की है, जिससे वे 2.5 करोड़ से अधिक दुर्लभ दस्तावेजों को घर बैठे ऑनलाइन देख सकेंगे। इसके लिए नया आईटी प्लेटफॉर्म तैयार किया गया है।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) ने अपने दुर्लभ दस्तावेजों की पहुंच दूर तक पहुंचने के लिए रिमोट एक्सेस की सुविधा शुरू की है। इस सुविधा से अब भारतीय इतिहास पर शोध करने वाले छात्र संस्थान के ढाई करोड़ से भी ज्यादा दस्तावेजों को देख सकेंगे। इसके लिए एक नया आईटी प्लेटफॉर्म बनाया गया है। शोधार्थियों को इस प्लेटफॉर्म पर पहले पंजीकरण करना होगा और फिर जिन दस्तावेजों को वे देखना चाहते हैं, उनका अनुरोध करना होगा। मंजूरी मिलने के बाद दस्तावेज़ उनके कंप्यूटर पर केवल देखने के लिए उपलब्ध कराए जाएँगे। उन्हें अब पीएमएमएल के दफ्तर आने की ज़रूरत नहीं होगी

पीएमएमएल के निदेशक अश्विनी लोहेनी ने शनिवार को बताया कि डिजिटल आर्काइव्स की यह शुरुआत तकनीक का उपयोग करते हुए महत्वपूर्ण दस्तावेजों को सुरक्षित रखने और शोधार्थियों को घर बैठे जानकारी उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह सुविधा शोधकर्ताओं के लिए बहुत मददगार साबित होगी और देश की ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
