Indresh Upadhyay Wedding: पौष मास की शुरुआत में क्यों है शादी, जानें असली ज्योतिषीय वजह
कथा वाचक इंद्रेश उपाध्याय की शादी 5 दिसंबर 2025 को जयपुर के ताज आमेर होटल में हो रही है, जिसके लिए उनकी भव्य बारात मथुरा से जयपुर पहुंच चुकी है। इस विवाह को लेकर सबसे बड़ी चर्चा यह है कि यह पौष माह की शुरुआत के समय हो रहा है, जबकि परंपरागत रूप से पौष/खरमास में विवाह जैसे मांगलिक कार्य नहीं किए जाते।
इंद्रेश उपाध्याय की शादी की मुख्य बातें

पौष मास और खरमास की धार्मिक मान्यता
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास को सूर्य देव का विशेष मास माना जाता है, क्योंकि इस अवधि में सूर्य देव धनु राशि में गोचर करते हैं और इसी गोचर की अवधि को खरमास या मलमास कहा जाता है। ज्योतिषीय मान्यता है कि खरमास के दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य बड़े मांगलिक कार्य करने से शुभ फल की प्राप्ति कम हो सकती है, इसलिए इस समय लोगों को जप, तप और दान जैसे धार्मिक कार्यों पर अधिक जोर देने की सलाह दी जाती है।
शास्त्रों के अनुसार विवाह के नियम
पूर्णिमा की तिथि के आधार पर देखा जाए तो इस वर्ष पौष मास 5 दिसंबर से प्रारंभ माना जा रहा है, जबकि सूर्य संक्रांति के नियम के अनुसार सूर्य के 15 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करने से खरमास की वास्तविक शुरुआत मानी जाएगी। विवाह संबंधी पंचांग की गणना सूर्य के दक्षिणायन, शुभ योगों की स्थिति और ग्रहों की चाल पर आधारित होती है, और इसी कारण पौष मास में जब सूर्य दक्षिणायन में रहते हैं तथा शुभ योग नहीं बनते, तो सामान्यतः शादियों के लिए मुहूर्त नहीं दिए जाते।
क्या पौष मास में विवाह किया जा सकता है?
धार्मिक दृष्टि से मार्गशीर्ष पूर्णिमा के अगले दिन से पौष मास की गणना शुरू हो जाती है, लेकिन खरमास तब से माना जाता है जब सूर्य वास्तव में धनु राशि में प्रवेश करते हैं। वर्ष 2025 में सूर्य का धनु में प्रवेश 15 दिसंबर को होगा, इसलिए इस तिथि से पहले तक मांगलिक कार्यों पर पूर्ण प्रतिबंध नहीं माना जाता और शास्त्रीय मान्यता के अनुसार 15 दिसंबर से पहले विवाह जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं।
इंद्रेश उपाध्याय का विवाह 5 दिसंबर को क्यों?
इसी शास्त्रीय दृष्टिकोण के आधार पर इंद्रेश उपाध्याय ने अपना विवाह 5 दिसंबर को तय किया है, जो पूर्णिमा की गणना से पौष मास की शुरुआत के ठीक बाद का दिन तो है, लेकिन सूर्य के धनु में प्रवेश से पहले होने के कारण खरमास का पूर्ण प्रभाव नहीं माना जाता। ज्योतिषियों के अनुसार इस अवधि में अभी तक देवताओं की ऊर्जा पर वह स्थिरता नहीं आती जिसे खरमास के दौरान माना जाता है, इसलिए 15 दिसंबर से पहले के दिन कई विद्वान विवाह योग्य मानते हैं और यही कारण है कि इंद्रेश उपाध्याय की शादी को भी धार्मिक दृष्टि से उचित ठहराया जा रहा है।
दिसंबर 2025 के अंतिम शुभ विवाह मुहूर्त
दिसंबर 2025 में ग्रह स्थिति ऐसी है कि 9 दिसंबर से कुछ दोष सक्रिय हो जाते हैं और 12 दिसंबर को शुक्र के अस्त होने के कारण विवाह के योग बाधित हो जाते हैं। इसी वजह से पंचांग के हिसाब से दिसंबर महीने में 5 और 6 दिसंबर को ही विवाह के अंतिम शुभ मुहूर्त माने गए हैं, जिसके बाद फिर 2026 की फरवरी से ही नए सिरे से विवाह के शुभ अवसर बनेंगे।
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