प्रशांत बोस : चलने में भी असमर्थ ‘बूढ़ा’ के नेतृत्व में ऐसे चलता था पूरे देश में सबसे ताकतवर नक्सली संगठन

प्रशांत बोस : चलने में भी असमर्थ ‘बूढ़ा’ के नेतृत्व में ऐसे चलता था पूरे देश में सबसे ताकतवर नक्सली संगठन

रांची : भाकपा माओवादियों के सबसे बड़े नेता प्रशांत बोस खुद चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद उनका व उनकी पत्नी व माओवादियों की एक और बड़ी नेता शीला मरांडी के जो वीडियो सामने आए हैं, उसमें वे दोनों सहजता से चलने में असमर्थ दिख रहे हैं। पुलिस उन्हें हाथ पकड़ कर सहारा दे रही है। लेकिन, इस जर्जर शारीरिक काया के बावजूद प्रशांत बोस भारत में नक्सलियों के सबसे बड़े संगठन भाकपा माओवादी का संचालन करते थे।

प्रशांत बोस ने 2004 में नक्सलियों के दो ताकतवर संगठन पीपुल्स वार ग्रुप और एमसीसीआइ का विलय करवा कर भारत का सबसे ताकतवर नक्सली संगठन भाकपा माओवादी बनवाया था। इस संगठन के अस्तित्व में आने के बाद प्रशांत बोस की अहमियत और बढी। किशन जी मौत के बाद वे माओवादियों के सर्वोच्च नेता बन गए और माओवादियों ने उनके व किशन जी दोनों के सम्मान में उन्हें किशन दा का नया नाम भी दिया। प्रशांत बोस संगठन में बूढ़ा, किशन दा सहित कई नामों से जाने जाते हैं।

प्रशांत बोस से झारखंड पुलिस के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्रप्रदेश व तेलंगाना पुलिस पूछताछ कर रही है। सारंडा व पारसनाथ के जंगल में रहने वाले प्रशांत बोस ने अबतक के पूछताछ में बताया कि नीचले स्तर पर संगठन के लोग कोयला कारोबारियों व व्यवसायियों से लेवी वसूलते थे। यह राशि वहां से जोनल कमांडर तक पहुंचती थी और वहां से पैसा फिर रिजनल कमांडर तक पहुंचता था। रिजनल कमांडर के पास इस पैसे में खर्च की राशि काट ली जाती थी और शेष राशि को सेंट्रल कमेटी भेज दिया जाता था। सेंट्रल कमेटी इस राशि को भाकपा माओवादी की सर्वोच्च इकाई पोलित ब्यूरो को भेज देती थी।

पोलित ब्यूरो फिर इस राशि का कुछ हिस्सा आवश्यक खर्च के लिए विभिन्न राज्यों में भेजता था ताकि वहां संगठन की गतिविधियां संचालित करने में व विस्तार में पैसे की दिक्कत नहीं हो। प्रशांत बोस ने यह भी बताया कि 2004 में भाकपा माओवादी के अस्तित्व में आने के बाद अबतक छह बार देश के विभिन्न स्थानों पर पोलित ब्यूरो की बैठक हुई है। दंडकारण्य व ओडिशा में पोलित ब्यूरो की बैठक हो चुकी है।

अपनी गिरफ्तारी से पूर्व प्रशांत बोस ने सारूगढा जंगल में पहाड़ियों पर 40 से 50 माओवादियों को प्रशिक्षण दिया था। प्रशांत बोस एवं उनकी पत्नी शीला मरांडी से सारंडा जो उनका गढ था उसे लेकर पश्चिम सिंहभूम पुलिस पूछताछ करेगी। प्रशांत बोस एवं शीला मरांडी से विभिन्न स्तरों पर अभी होने वाली पूछताछ में कई नए तथ्य सामने आएंगे। उधर, माओवादियों ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ 20 नवंबर को भारत बंद बुलाया है, जिसको लेकर सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं।

Edited By: Samridh Jharkhand

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