Hazaribagh News: संजय मेहता के काफिले पर हमला, रात तीन बजे तक बनाया बंधक
जेएलकेएम की लीलावती देवी एवं कार्यकर्त्ताओं पर हमले का आरोप
मांडू प्रखण्ड के करमा गाँव में संजय मेहता पर हमला हुआ. वे अपने कार्यकर्त्ताओं से मिलने पहुंचे थे. गाँव पहुंचते ही लगभग 100 की संख्या में पहुंचे हमलावरों ने संजय मेहता के काफिले को घेर लिया. स्कॉर्पियो समेत 15 से अधिक मोटरसाइकिल से उन्हें पहले घेरा गया तत्पश्चात उन्हें वाहन से जबरदस्ती निकालने का प्रयास किया गया.
हजारीबाग: चुनाव प्रचार समाप्त कर लौटने के क्रम में जेबीकेएसएस के केन्द्रीय अध्यक्ष सह मांडू विधानसभा प्रत्याशी संजय मेहता पर देर रात हमला किया गया. हमला सोमवार की रात लगभग 11 बजे करमा गाँव में किया गया, जब वे अपने कार्यकर्त्ताओं से मिलने पहुंचे थे. गाँव पहुंचते ही लगभग 100 की संख्या में पहुंचे हमलावरों ने संजय मेहता के काफिले को घेर लिया. स्कॉर्पियो समेत 15 से अधिक मोटरसाइकिल से उन्हें पहले घेरा गया तत्पश्चात उन्हें वाहन से जबरदस्ती निकालने का प्रयास किया गया.
भीड़ को उग्र होता देख संजय मेहता सुरक्षा कारणों से वाहन के अंदर ही बैठे रहे और अपनी जान बचाई. संजय मेहता की महिला कार्यकर्ता दीपशिखा उग्र भीड़ से बात चीत करने बाहर निकलीं तो उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और कई प्रकार के अपशब्द कहे गए.
हमलावरों की अगुवाई लीलावती देवी कर रहीं थीं. लीला दी के नाम से मशहूर यह नेत्री जेएलकेएम की कार्यकर्ता हैं और उन्हीं के साथ पूरी भीड़ संजय मेहता पर हमलावर थी. भीड़ ने संजय मेहता को वहीं बंधक बना कर रख लिया था. उन्हें जाने नहीं दिया जा रहा था. इसकी जानकारी उन्होंने पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुँचकर उनकी जान बचाई. इस दौरान उनके वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया गया.
पुलिस ने मामले को शांत कराकर संजय मेहता को भेजना चाह परंतु भीड़ ने उनपर पैसे बांटने का आरोप लगते हुए उनके वाहनों की जांच की मांग की. बिना किसी लिखित शिकायत के बावजूद वहां मजिस्ट्रेट को बुलाकर वाहनों की जांच की गई. जांच के दौरान किसी भी तरह की कोई आपत्तिजनक वस्तु उनके वाहनों से बरामद नहीं हुआ. जांच के दौरान मजिस्ट्रेट के टीम द्वारा विडियोग्राफी भी की गई है.
हमले के पश्चात संजय मेहता ने कहा कि यह हमला विरोधियों के डर को दिखाता है. पूरे चुनाव प्रचार के दौरान जेएलकेएम के कार्यकर्ताओं द्वारा इस तरह की साजिशें रची गई. इस हमले को मिलाकर चुनाव प्रचार के दौरान यह 14वां हमला उनके ऊपर हुआ. उन्होंने हमेशा अपने लोग कह कर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं किया. हालांकि यह हमला गंभीर था, उनकी जान खतरे में थी.