पत्रकार अविनाश झा की हत्या के विरोध में प्रदर्शन, लोक शिकायत निवारण कानून व RTI को बनाया था हथियार

मधुबनी : बिहार के मधुबनी जिले के बेनीपट्टी में पत्रकार अविनाश झा उर्फ बुद्धिनाथ की जीवित जलाकर हत्या किए जाने के खिलाफ स्थानीय लोगों में व्यापक आक्रोश है। इस हत्याकांड के खिलाफ रविवार को बेनपट्टी में लोगों से सड़कों पर आपक प्रदर्शन किया और कार्रवाई की मांग की। मृतक के भाई ने इस मामले की जांच जिला स्तरीय अधिकारी से नहीं कराने और डीआइजी या उससे उच्च स्तर के अधिकारी से कराने की मांग की है। पत्रकारों ने भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

इस खबर के संबंध में बीबीसी से मधुबनी जिले के सिविल सर्जन सुनील कुमार झा ने कहा, मारे गए पत्रकार बुद्धिनाथ झा लगातार निजी नर्सिंग होम के ख़िलाफ़ शिकायतें करते थे।
उनकी शिकायतों पर बेनीपट्टी के चार नर्सिंग होम पर कुछ माह पहले ही 50-50 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया था।
पिछले दो साल से पत्रकार के रूप में काम कर रहे अविनाश झा के परिजनों ने कहा कि पहले उसने एक क्लिनिक शुरू किया, जिसमें बाहर से आए डॉक्टर स्थानीय लोगों का इलाज करते थे, पर इससे खफा स्थानीय नर्सिंग होम संचालकों ने उन्हें इतना परेशान किया कि यह काम बंद करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने गैरकानूनी नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई करवाने का संकल्प ले लिया। इसके लिए वे खुद व पीड़ित मरीज के परिजनों से आरटीआइ लगवाते और उस सूचना का उपयोग करते। वे जन शिकायत कानून के तहत भी शिकायत करते थे।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, फरवरी 2021 में बेनपट्टी और धकजरी के 19 जांच घर और नर्सिंग होम को बंद करने का सरकारी ओदश हुआ था। इसी तरह दिसंबर 2019 में हुई जांच में नौ नर्सिंग होम को बंद करने का आदेश हुआ।
अविनाश झा जिस न्यूज पोर्टल में काम करते थे, वह उसके प्रमुख उनके चचेरे भाई बीजे विकास हैं। बीजे विकास के अनुसार, अविनाश नौ को लापता हो गया, इसकी शिकायत अगले दिन किए जाने के बाद 11 नवंबर को रिपोर्ट दर्ज की गयी। सीसीटीवी फुटेज में वे नौ नवंबर की रात 10.10 बजे आखिरी बार फोन पर गली में बात करते दिखे। 10 नवंबर की सुबह उनका फोन नौ बजे के बाद बंद हो गया, पुलिस ने फोन अंतिम लोकेशन पर जानकारी छानबीन की लेकिन कुछ सामने नहीं आया।
बीजे बिकास ने इस हत्याकांड को प्रेम प्रसंग का परिणाम बताए जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है और ऐसी कोशिशों की निंदा की है। बीजे बिकास ने एसपी पर और ऐसी रिपोर्ट चलाने वाले पत्रकारों पर फेसबुक पोस्ट लिख कर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि उनके भाई द्वारा फर्जी अस्पतालों के खिलाफ शुरू किया गया अभियान जारी रहेगा, बुद्धि नाथ भले मर गया, लेकिन बिदेश्वर नाथ जिंदा है।