तेज़ की तेज़ी साबित कर रही है…, घर फूटे, गवार लूटे

तेज़ की तेज़ी साबित कर रही है…, घर फूटे, गवार लूटे

– ज्योति चौहान

हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती है। बिन जुमलों बिन कहावत के अधूरी सी पंक्ती लगती है। हाँ अभी भी ऐसा ही कुछ हो रहा है हमारे देश की राजनीति में। हर पार्टी के लिए कोई न कोई कहावत बनी हुई है। अभी लालू यादव के परिवार का हाल बेहाल सा हो गया है। हर दो दिन बाद कुछ न कुछ मीडिया मसाला या यूँ कहूं उनके दुःख हमारे खबर।
इन दिनों लालू के लाल तेज़ कुछ ज्यादा तेज़ बनने के चक्कर में अपनी बाबूजी की पुश्तेनी पार्टी राजद के साथ पुरे लालू परिवार को दुःख दे रहे हैं।  खबर यह है कि तेज़ ने राजद का दामन छोड़ किसी और पार्टी का दामन थाम लिया है। इस खबर से राजधानी पटना ही नहीं पूरे प्रदेश के राजनीतिक गलियारे में खलबली मची हुई है।
यह खबर सही है तो लालू परिवार की भी परेशानी बढ़ जायेगी। सूत्र कि माने तो लालू के बड़े लाल तेज ने आगामी लोकसभा चुनाव में पार्टी द्वारा उनकी की जा रही अनदेखी के मद्देनजर दूसरे दल की सदस्यता ग्रहण कर ली है।
इस खबर के आते ही माना जा रहा है कि राजद के अंदरूनी खेमे में सब कुछ ठीक ठाक नहीं रहा। बताते चले कि तेजप्रताप ने जहानाबाद और शिवहर सीट पर अपनी तरफ से दो उम्मीदवारों के नाम का एलान कर दिया था। लेकिन पार्टी की आधिकारिक सूची में अपने उम्मीदवारों का नाम नहीं देखने के बाद तेजप्रताप भड़क गए थे।
नाराज़ तेजप्रताप ने लालू- राबड़ी मोर्चा का गठन भी कर लिया था। लेकिन अब अचानक से उन्होंने नई पार्टी की सदस्यता ले ली है। चुनाव के मौके पर तेज द्वारा उठाया गया यह कदम पार्टी के लिए परेशानी का सबब बनना लाजमी प्रतीत हो रहा है।
सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक तेजप्रताप यादव ने जयप्रकाश जनता दल की सदस्यता ले ली है। जयप्रकाश जनता दल का गठन साल 2002 में हुआ। जनता दल यूनाइटेड के 4 विधायकों लक्ष्मी नारायण यादव, जयनन्दन यादव, विश्वनाथ सिंह और शशि कुमार राय ने 2002 में इस नई पार्टी का गठन कर राबड़ी देवी की सरकार को समर्थन दिया था। हालांकि दो साल बाद 2004 में यह चारो विधायक जनता दल यूनाइटेड में वापस आ गए। 2014 से पंकज सहाय जयप्रकाश जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जिनकी मौजूदगी में तेजप्रताप यादव ने पार्टी की सदस्यता ली है। पंकज सहाय जनता दल के पुराने नेता रहे कैलाशपति रंजन सहाय के बेटे हैं।
अब देखना यह है कि इस बड़े राजनीतिक उठापटक में किसे कितना फायदा होता है और कितना नुकसान। लेकिन यह तो तय है कि तेज के तेजी से इन उठाये गए कदमों से लालू परिवार को परेशानी में जरूर डाल दिया।
..तो सही है न घर फूटे गवार लूटे।
Edited By: Samridh Jharkhand

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