गुलाम नबी आजाद ने तोड़ी चुप्पी, बोले 34 साल से सीडब्ल्यूसी मेंबर हूं, विरोध करने वाले बाहर जाएंगे
नयी दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने खुद को पार्टी के अंदर हाशिये पर ढकेले जाने की कोशिशों और हमलों पर गुरुवार को चुप्पी तोड़ी. गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) कहा कि वे 34 सालों से कांग्रेस कार्यसमिति (Congress Working Committee) के सदस्य हैं. जिनको कुछ भी नहीं मालूम है और अप्वाइंटमेंट वाला कार्ड मिल गया है, वहीं विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे सब बाहर जाएंगे.
मंशा कांग्रेस को मजबूत करने की थी। मैं पिछले 34 साल से वर्किंग कमेटी में हूं। जिनको कुछ भी नहीं मालुम और अप्वाइंटमेंट वाला कार्ड मिल गया है वो सब विरोध करते हैं, वो सब बाहर जाएंगे : कांग्रेस वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद pic.twitter.com/Eh4PnWPlEl
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 27, 2020
गुलाम नबी आजाद ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब उनके नेतृत्व में 23 नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व में आमूल चूल बदलाव के लिए एक पत्र लिखा. इस पत्र में आनंद शर्मा व कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं. इसके बाद कांग्रेस कार्यसमिति में इस तिकड़ी की घेराबंदी की गयी.
गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में लिखे गए पत्र के बाद सोनिया गांधी ने कांग्रेस कार्यसमिति की एक बैठक बुलायी और यह माना गया कि उसमें वे अंतरिम अध्यक्ष पद से अपने इस्तीफे का एलान कर सकती हैं, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बल्कि गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा को नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा.
इसके बाद कांगे्रेस ने मोदी सरकार के अध्यादेशों के अध्ययन और उसके अनुरूप रणनीति तय करने के लिए बनायी कमेटी में इन तीनों नेताओं में किसी को जगह नहीं दी. इस कमेटी में पी चिदंबरम, दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश जैसे नेताओं को जगह मिली. गुलाम नबी की अनुपस्थिति ने सबको चैंकाया, क्योंकि राज्यसभा में विपक्ष के नेता के रूप में उनका कामकाज शानदार रहा है. वे मोदी सरकार की मुद्दों पर जोरदार घेराबंदी करते हैं.
हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि नाराज चल रहे गुलाम नबी की नाराजगी को दूर करने की कोशिश में स्वयं सोनिया गांधी लगी हैं. इन नेताओं को भाजपा समर्थक भी नेहरू-गांधी परिवार के समर्थकों ने बताया था.