ऑक्सीजन खत्म होते ही छटपटाने लगा कोरोना मरीज, निकला नाक से खून

रांचीः राज्य के सबसे बड़ा अस्पताल रिम्स (Largest Hospital Rims) किसी न किसी कारण से चर्चा में रहता है. बुधवार रात को कोविड वार्ड में बुधवार देर रात को ऑक्सीजन खत्म होने का मामला सामने आया है. ऑक्सीजन खत्म होते ही मरीज छटपटाने लगा और वार्ड में अफरा-तफरी मच गई. परिजनों के हंगामा के बाद करीब 25 मिनट बाद ऑक्सीजन सिलेंडर को कोविड वार्ड के आईसीयू (ICU of Covid Ward) में लाया गया. तब जाकर मरीज की जान बची.

रिम्स प्रबंधन की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कोविड वार्ड में 20 मरीज हाई फ्लो ऑक्सीजन पर इलाजरत हैं. इलाजरत मरीजों के ऑक्सीजन सिलेंडर में कितना ऑक्सीजन बचा है. इसकी खबर ना तो अस्पताल प्रबंधन (Hospital management) को है और ना ही इस वार्ड इंचार्ज को. वार्ड में परिजनों को हंगामे के बाद पता रिम्स प्रबंधन का पता चलता है कि ऑक्सीजन खत्म हो गई है.
ऑक्सीजन खत्म होते ही तड़पता रहा मरीज
कोरोना संक्रमित से इजालरत मरीज (Patients suffering) के परिजनों ने बताया कि जब ऑक्सीजन खत्म हुआ तब वह अपने पति के पास बैठी थी. ऑक्सीजन खत्म होते ही उनके पति तड़पने लगे और 5 मिनट के भीतर ही नाक से खून आना शुरू हो गया. नर्स के बताने पर एक छोटा सिलेंडर लगाया गया. लेकिन बदकिस्मती वह भी सिलेंडर खाली निकला. बगैर ऑक्सीजन के लगभग एक घंटा तक मरीज तड़पता रहा.
एजेंसी पर रिम्स प्रबंधन ने लगाया का लापरवाही आरोप
इस घटना की लापरवाही रिम्स प्रबंधन ने सिलेंडर सप्लाई (Cylinder supply) करने वाले एजेंसी पर थोप दी है. रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप (Medical Superintendent Dr. Vivek Kashyap) ने बताया कि यह घटना एजेंसी के कारण घटी है. डॉ. विवेक ने बताया कि एजेंसी ने रिम्स में ऑक्सीजन सिलेंडर का सप्लाई (Oxygen cylinder supply) नहीं किया. हर रात को स्टॉक में 40 से 50 सिलेंडर रिफिल करती है. लेकिन मंगलवार रात को समय पर सिलेंडर उपलब्ध नहीं कराया गया है. इसकी जांच करा कर दोषियों पर करवाई की जाएगी.