पी चिदंबरम यश बैंक संकट पर बोले, पूछा – 2014 के बाद लोन बांटने की इजाजत किसने दी?

नयी दिल्ली : पूर्व वित्तमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस कर यश बैंक संकट पर पूछा कि 2014 के बाद लोन बांटने की अनुमति किसने दी. उन्होंने कहा कि भारत के पांचवें सबसे बड़े प्राइवेट बैंक यश बैंक के पतन पर सरकार और वित्तमंत्री ने इसको जनता और मीडिया से दूर रखने की पूरी कोशिश की, पर इसके बावजूद भाजपा सरकार में वित्तीय संस्थाओं का कुप्रबंधन जनता के सामने है. उन्होंने कहा कि यश बैंक की विफलता भाजपा सरकार की निगरानी में वित्तीय संस्थानों के कुप्रबंधन का परिणाम है.
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम: यस बैंक की विफलता भाजपा सरकार की निगरानी में वित्त संस्थानों के कुप्रबंध का परिणाम है। https://t.co/YU9j3ZnZeu— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 7, 2020
पी चिदंबरम ने कहा कि कभी-कभी वित्तमंत्री को सुनता हूं तो ऐसा लगता है कि अभी भी यूपीए सत्ता में है और मैं वित्तमंत्री हूं. उन्होंने पूछा कि 2014 के बाद किसने यश बैंक को लोन बांटने की इजाजत दी. चिदंबरम ने कहा कि 2014 से 2019 के बीच यश बैंक का लोन बुक पांच गुणा बढ गया. पी चिदंबरम ने कहा कि 2014 में लोन बुक एमाउंट 55 हजार करोड़ रुपये था जो मार्च 2019 में बढ कर दो लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया. केवल दो सालों में यह 98 हजार करोड़ से बढ कर दो लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया.
पी चिदंबरम ने एसबीआइ द्वारा 2450 करोड़ रुपये में यश बैंक की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदे जाने से असहमति जतायी. उन्होंने कहा कि इसकी जगह उसे लोन बुक की उगाही करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस यश बैंक का नेटवर्थ शून्य है, उसकी 49 प्रतिशत हिस्सेदारी एसबीआइ खरीदने जा रही है.