#SeemaKushwaha वह लड़की जो बनना चाहती थी कलेक्टर, लेकिन वकील के रूप में रच दिया इतिहास

नयी दिल्ली : निर्भया कांड के दोषियों को आज सुबह साढे पांच बजे फांसी दे दी गयी. निर्भया के दोषियों को फांसी देने के बाद देश में संतोष का माहौल है कि ऐसे जघन्य अपराध को निर्णायक परिणति तक पहुंचाने से ऐसे अपराध को अंजाम देने वालों में दहशत का माहौल बनेगा और वे ऐसे कुकृत्यों से दूर रहेंगे. निर्भया के केस को उनकी मां आशा देवी ने पूरी मजबूती से लड़ा और उनकी इस पूरे मामले में सबसे बड़ी मददगार बनीं सीमा कुशवाहा. सीमा कुशवाहा को बहुत अनुभवी वकील नहीं हैं. निर्भया केस उनके जीवन का पहला केस है और इसी से उन्होंने इतिहास रच दिया और न सिर्फ एक वकील के रूप में बल्कि महिला हितों के लिए लड़ने वाली महिला की एक मजबूत छवि बनायी.

कल रात से आज सुबह तक भी जब निर्भया के दोषियों को बचाने की हर कोशिश की जा रही थी तो सीमा कुशवाहा हर पल आशा देवी के साथ भी थीं और आखिरकार आज जब फांसी हो गया तो निर्भया की मां ने सीमा कुशवाहा को ही सबसे पहले धन्यवाद बोला.