उमर से मिले फारुक अब्दुल्ला, गुलाम नबी बोले – लीडरों को तोते की तरह बंद करने से तरक्की नहीं होगी

श्रीनगर : नेशनल कान्फ्रेंस के नेता व जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला का आज जेल से रिहाई का दूसरा दिन है. कल ही उन्हें सात महीने बाद नजरबंदी से रिहा किया गया. वे केंद्र द्वारा जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद सात महीने से जम्मू कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत नजरबंद थे. कल जहां उन्होंने रिहाई के बाद परिवार के लोगों से मुलाकात की थी और संसद के सत्र में शामिल होने का संकल्प व्यक्त किया था, वहीं आज वे अपने बेटे व राज्य के एक और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मिले. अब्दुल्ला पिता-पुत्र एवं पीडीपी चीफ व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी नजरबंद किया गया था. सीनियर अब्दुल्ला को जहां मुक्त कर दिया गया, वहीं बाकी दोनों अभी नजरबंद ही हैं.
#JammuAndKashmir Congress’ Ghulam Nabi Azad: The decision to declare the state of J&K as a Union Territory is an insult to the people of J&K. It must be revoked. J&K should be declared a state again. https://t.co/b09D0QQEUR— ANI (@ANI) March 14, 2020
फारुक अब्दुल्ला से श्रीनगर में आज वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी मिले. मुलाकात के बाद नबी ने कहा कि साढे सात महीने के बाद इनसे मुलाकात हुई है. मुझे आज तक समझ नहीं आया कि इन्हें नजरबंद क्यों किया गया था. 370 आने से पहले ही इन्हें नजरबंद कर दिया गया था.
Srinagar: National Conference leader Farooq Abdullah today met his son & party leader Omar Abdullah at the place where the latter has been detained in Srinagar, under Public Safety Act (PSA). Farooq Abdullah was released from detention yesterday. pic.twitter.com/4bdAhOK2bS
— ANI (@ANI) March 14, 2020
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि लीडरों को तोते की तरह पिंजरे में बंद करने से कश्मीर में तरक्की नहीं होगी. लीडरों को छोड़ देना होगा, रिहा करना होगा, राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी होगी. उन्होंने कहा कि यहां चुनाव कराए जाएं और जम्मू कश्मीर के लोग जिसे चाहें वो सरकार चुन का आए.
गुलाम नबी ने कहा कि जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करना यहां के लोगों का अपमान है. उन्होंने कहा कि यह फैसला वापस लिया जाना चाहिए और इसे राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए.