वित्तमंत्री ने दूसरे दिन आर्थिक पैकेज के तहत प्रवासी श्रमिकों, गरीबों, रेहड़ी-पटरी के लिए की बड़ी घोषणाएं

आठ करोड़ प्रवासी श्रमिकों के लिए वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना

रेहड़ी-पटरी वालों को 10 हजार रुपये की मदद देने का एलान
नयी दिल्ली : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एवं वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने आर्थिक पैकेज के तहत दूसरे दिन प्रवासी श्रमिकों, रेहड़ी-पटरी वालों, किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की. इसमें सबसे बड़ी घोषणा प्रवासी मजदूरों के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड की है. वित्तमंत्री ने कहा कि वन नेशन वन राशन कार्ड सभी प्रवासी मजदूरों के लिए लाने वाले हैं. इसकी मदद से आप राज्य के किसी भी उचित मूल्य की दुकान से अपना राशन खरीद सकते हैं.
आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों के राशन के लिए 3500 करोड़ का प्रावधान सरकार करने जा रही है. प्रति व्यक्ति दो महीने मुफ्त पांच-पांच किलो चावल व गेंहूं और एक किलो चना प्रत्येक परिवार को दिया जाएगा. 23 राज्यों में 67 करोड़ लाभार्थी 83 प्रतिशत पीडीएस की जनसंख्या अबतक इसमें कवर हो चुकी है और मार्च 2021 तक हम इसे 100 प्रतिशत कवर कर लेंगे.
मुद्रा शिशु ऋण योजना श्रेणी में आने वाले के लिए 1500 करोड़ का आवंटन किया गया है, इसके तहत ब्याज में दो प्रतिशत की राहत देने की योजना सरकार लायी है. एक लाख 62 करोड़ रुपये अबतक इस योजना के अंतर्गत दिए गए हैं. इस योजना के माध्यम से अबतक तीन करोड़ लोगों को 1500 करोड़ रुपये के करीब लाभ मिलने वाला है.
रेहड़ी-पटरी और ठेले पर सामान बेचने वालों के लिए पांच हजार करोड़ की विशेष सुविधा सरकार लेकर आयी है. 10 हजार रुपये प्रति व्यक्ति इनको सुविधा दी जाएगी. इसके साथ ही डिजिटल पेमेंट करने वाले को ईनाम भी मिलेगा. इससे आने वाले समय में अतिरिक्त लाभ मिलेगा.
मध्यम आयवर्ग जिनकी आय छह लाख से 18 लाख प्रति वर्ष है, उनके लिए 70 हजार करोड़ का बढावा देने वाली योजना सरकार ने पेश की. इसका लाभ उनके लिए हाउसिंग सेक्टर में मिलेगा.
सीएलएसएस क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम जो 32 मार्च 2020 तक बढाई गयी थी जिसका लाभ तीन लाख 30 हजार के लगभग मध्यम परिवारों को हुआ था, इसे 31 मार्च 2021 तक बढा दिया गया है. इससे लगभग ढाई लाख से अधिक परिवारों को लाभ मिलेगा. इसमें 70 हजार की लागत आएगी.
तीन करोड़ छोटे और सीमांत किसानों को लाभ देने के लिए 30 हजार करोड़ रुपये की अतिरिक्त सुविधा सरकार ने पेश की. यह नाबार्ड से अतिरिक्त दी जाने वाली राशि है. यह राशि स्टेट, जिला और ग्रामीण काॅपरेटिव बैंकों के माध्यम से राज्यों को दी जाएगी. साथ ही ढाई करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट के माध्यम से दो लाख करोड़ कनसेशनल क्रेडिट की सुविधा दी जाएगी.