प्रसिद्ध मानवाधिकार कार्यकर्ता स्टैन स्वामी का निधन, लोगों ने उठाये सवाल


उनके निधन के बाद एक बार फिर लोग व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। स्टैन स्वामी के स्वास्थ्य को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए चिंता प्रकट की थी।
स्टैन स्वामी को यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने अदालत में इसे चुनौती दी थी। उनकी याचिका में कहा गया था कि यह कानून आरोपी व्यक्ति की जीवन की स्वतंत्रता के मूल अधिकार का हनन करता है।
ट्राइबल आर्मी के संस्थापक हंसराज मीणा ने ट्विटर पर लिखा – भीमा कोरोगांव मामले में जबर्दस्ती जेल में बंद करके आरोपी बनाए गए आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का निधन हो गया। हजारों बार रिहाई की मांग करने के बाबजूद निष्ठुर मोदी सरकार ने हमारी एक नहीं सुनी।
भीमा कोरोगांव मामले में जबर्दस्ती जेल में बंद करके आरोपी बनाए गए आदिवासी सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी का निधन हो गया। हजारों बार रिहाई की मांग करने के बाबजूद निष्ठुर मोदी सरकार ने हमारी एक नहीं सुनी। दुखद। श्रद्धाजंलि। #StanSwamy
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) July 5, 2021
सामाजिक कार्यकर्ता इप्शा सताक्षी ने स्टैन स्वामी के निधन पर सवाल उठाते हुए ट्विटर पर लिखा – आखिर इस हत्यारी व्यवस्था ने हमारे साथी को हमसे छिन ही लिया…स्टैन स्वामी सशरीर हमारे बीच न रहें, उनके काम, उनके विचार हमेशा ही रहेंगे।
आखिर इस हत्यारी व्यवस्था ने हमारे साथी को हमसे छिन ही लिया। गिरफ्तारी के समय से ही उनका स्वास्थ्य बिगड़ा हुआ था पर न्यायपालिका के कान में जूं तक न रेंगी।
लेकिन stan swami सशरीर हमारे बीच न रहें, उनके काम,उनके विचार हमेशा ही रहेंगे।शहीद स्टेन स्वामी को आखिरी जोहार ✊✊ pic.twitter.com/bU3k1coYPC
— Ipsa Shatakshi (@IpsaShatakshi) July 5, 2021