कोरोना वायरस की वजह से कर्ज डिफाॅल्ट श्रेणी में नहीं डालेंगे, मनरेगा के लिए और 40 हजार करोड़ : वित्तमंत्री

कोरोना वायरस की वजह से कर्ज डिफाॅल्ट श्रेणी में नहीं डालेंगे, मनरेगा के लिए और 40 हजार करोड़ : वित्तमंत्री

नयी दिल्ली : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट से निबटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज के बारे में जानकारी देने के लिए आज लगातार पांचवे व आखिरी दिन प्रेस कान्फ्रेंस की और इससे संबंधित जानकारी दी. वित्तमंत्री ने आज कहा कि कोरोना वायरस की वजह से कर्ज को डिफाॅल्ट की श्रेणी में शामिल नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत सारे प्रवासी मजदूर अपने गांव जा रहे हैं इसलिए हमने कुछ प्रावधान किए हैं ताकि अगर वो भी मनरेगा में जुड़ना चाहतें तो नामांकन करा सकें. वित्तमंत्री ने बताया कि मनरेगा के लिए अतिरिक्त 40 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.

वित्तमंत्री ने कहा कि राज्यों की तरह राजस्व में भारी गिरावट का सामना करने के बाद भी केंद्र राज्यों की लगातार मदद कर रहा है. अप्रैल के पहले सप्ताह में एसडीआरएफ के लिए एडवासं में 11092 करोड़ रुपये का फंड रिलीज किया गया. एंटी कोविद गतिविधियों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 4113 करोड़ रिलीज किए हैं. वित्तमंत्री ने कहा कि राज्य स्तर के सुधारों को बढावा देने के लिए उधार के एक हिस्से को निवेश के माध्यम से रोजगार बढाने और शहरी विकास, स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढावा देने जैसे जरूरी सुधार के कामों से जोड़ा जाएगा.


वित्ततंत्री ने कहा कि सभी जिलों के अस्पतालों में संक्रामक रोग ब्लाक होंगे. ग्रामीण इलाकों में लैब नेटवर्क पर्याप्त नहीं हैं, इसलिए सभी ब्लाक स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य लैब तैयार की जाएंगी.

उन्होंने कहा कि स्वयं प्रभा जो एक डायरेक्ट टेलीकास्ट मोड है, इसमें तीन चैनल पहले से ही स्कूली शिक्षा के लिए चिह्नित हैं अब 12 और चैनलों को इसमें जोड़ा जाएगा. उन्होंने यकीन प्रकट करते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में भी इससे काफी मदद मिलेगी.

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वहीं, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि तकनीक की मदद से कोरोना के समय में शिक्षा देने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं. पीएम ई विद्या प्रोग्राम का डिजिटल और आॅनलाइन शिक्षा के लिए मल्टीमोड एक्सेस होगा. ये राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सभी कक्षाओं के लिए ई कांटेंट, क्यूआर कोडेड पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराएगा. वित्तमंत्री ने बताया कि कोरोना संकट से पहले हमारे पास एक भी पीपीइ किट निर्माता नहीं थे आज देश में 300 घरेलू पीपीइ किट निर्माता हैं.

Edited By: Samridh Jharkhand

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