दिल्ली में केजरी सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी से शुरू किया कोरोना का इलाज, जानिए एम्स के निदेशक की राय

नयी दिल्ली : दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज शुरू करवाया है. इस पर देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के निदेशक डाॅ रणदीप गुलेरिया ने भी अपनी राय रखी है.

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने हमें एलएनजेपी अस्पताल के गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति दी थी. अगले दो से तीन दिन और हम ट्रायल करेंगे और उसके बाद अगले हफ्ते केंद्र सरकार से पूरी दिल्ली के कोरोना के गंभीर मरीजों को प्लाज्मा थेरेपी देने की इजाजत मांगेंगे. मालूम हो कि इस थेरेपी में कोरोना से ठीक हुए मरीजों के प्लाज्मा से ही पीड़ित व्यक्ति का इलाज किया जाता है, हालांकि इसके लिए कुछ मानक हैं जिनका पालन करना होता है. जैसे आयु 65 वर्ष से अधिक न हो, रक्त में हिमोग्लोबीन का स्तर अच्छा हो, सहित कुछ और.
केंद्र सरकार ने हमें LNJP अस्प्ताल के गंभीर मरीज़ों पर प्लाज्मा थेरेपी की अनुमति दी थी। अगले 2-3 दिन और हम ट्रायल करेंगे और उसके बाद अगले हफ्ते केंद्र सरकार से पूरी दिल्ली के कोरोना के गंभीर मरीज़ों को प्लाज्मा थेरेपी देने की इजाजत मांगेंगे: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल pic.twitter.com/PmCkpBqjA5
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 24, 2020
वहीं, इस मामले में एम्स के निदेशक डाॅ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि प्लाज्मा थेरेपी उपचार का एकमात्र तरीका नहीं है. ऐसा नहीं है कि ये सभी मरीजों में कारगर होगी ही. जो खून ठीक हुए मरीज दे रहे हैं, उसमें अच्छी मात्रा में एंटीबाडीज होनी चाहिए. हमें इसे एक मैजिक बुलेट की तरह नहीं लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थेरेपी 100 सालों से अधिक समय से मौजूद है. सबसे पहले इसका उपयोग 1918 की महामारी में हुआ था. छह-दस मरीजों की दो छोटी स्टडी हुई हैं, जिसमें ये पता चला है कि कोरोना वायरस में यह उपयोगी हो सकती है.
प्लाज्मा थेरेपी 100 सालों से ज़्यादा समय से मौजूद है। सबसे पहले इसका इस्तेमाल 1918 की महामारी में हुआ था। 6-10मरीज़ों की दो छोटी स्टडी हुई हैं जिसमें ये पता चला है कि ये कोरोना वायरस में ये उपयोगी हो सकती है: डॉ. रणदीप गुलेरिया, AIIMS के निदेशक, दिल्ली pic.twitter.com/vyaF8UmGu0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 24, 2020