गैंगस्टर के हत्या के मामले में पांच को आजीवन कारावास

हजारीबाग: हजारीबाग एडीजे कोर्ट ने मंगलवार को गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड के मामले पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. और साथ ही इनमें से दो को मरते दम तक जेल में रहना होगा. कोर्ट ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है और आदेश दिया कि जर्माना की राशि पीड़ित परिवार को दिया जाएगा.

बता दें कि एडीजे 06 अमित शेखर की अदालत ने 11 सितंबर को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद पांचों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था. इनकी सजा के बिंदुओं पर मंगलवार को फैसला सुनाया गया. कोर्ट ने पांडेय गिरोह का सरगना विकास तिवारी, दिलीप साहू, विशाल कुमार सिंह, राहुल देव पांडे और संतोष देव पांडे को आजीवन कारावास की सजा दिया है, वहीं, गैंगस्टर विकास तिवारी के पिता शंभू नाथ तिवारी को साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने 11 सितंबर को रिहा कर दिया था.
विभिन्न जेलों में बंद है आरोपी
गैंगस्टर विकास तिवारी जो जेपी कारा में बंद था उसे डेढ़ वर्ष पूर्व प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए पलामू जेल स्थानांतरित किया गया था, फिलहाल वह पलामू जेल में बंद है. जबकि, संतोष देव पांडेय और राहुल देव पांडेय हजारीबाग जेल में बंद हैं. वहीं, दिलीप साहू और विशाल कुमार सिंह जमानत पर थे, जिन्हें कोर्ट के आदेश के बाद दोषी पाए जाने पर 11 सितंबर को रिमांड पर ले लिया गया था.
एक आरोपी फरार
इसी मामले का एक अन्य आरोपी दीपक साहू फिलहाल फरार चल रहा है. फैसले के दौरान जिला प्रशासन मुस्तैद रही थी. पूरा कोर्ट परिसर पुलिस छावनी में तब्दील रहा था. कचहरी रोड मुख्य गेट से लेकर कोर्ट परिसर में पुलिस बलों की तैनाती की गई थी. जबकि, एसपी कार्तिक एस हर एक गतिविधि पर नजर बनाए हुए थे।
2015 में हुई थी सुशील श्रीवास्तव की हत्या
आपको बता दें कि गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हजारीबाग जेल में सजा काट रहा था. सजा काटने के दौरान 2 जून 2015 को सुबह में सुशील श्रीवास्तव को हजारीबाग जेल से पेशी के लिए भारी सुरक्षा घेरे में हजारीबाग व्यवहार न्यायालय लाया गया था. कोर्ट परिसर में उसके ऊपर लगभग 10 बजे एके-47 और अन्य हथियार से हमला किया गया था.
इस गोली कांड में घात लगाए हथियार बंद शूटर ने सुशील श्रीवास्तव और उससे कोर्ट में मिलने आए उसके दो करीबी गयासुद्दीन खान और मोहम्मद कमाल खान को भी गोली मारी थी. तत्काल सभी को सदर अस्पताल लाया गया था जहां तीनों को मृत घोषित कर दिया गया था.