रांची के अखबारों की सुर्खियां : निर्मला का बजट, सिपाही ने बेटी-बेटा व पत्नी की हत्या की, ट्रेन में 18 पिस्टल बरामद, अन्य खबरें

रांची : रांची के अखबारों में आज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया गया देश का आम बजट सबसे महत्वपूर्ण खबर है. एक सिपाही के वहशीपन व केरोना वायरस के खतरे जैसी खबरें भी अखबार में हैं.

बजट से ही जुड़ी अंदर के पन्ने पर खबर है कि अब दो तरह के टैक्स स्लैब उपलब्ध हैं. अखबार ने एक दूसरी खबर दी है, जिसका शीर्षक है: सीतारमण के बजट में उदारीकरण को और आगे बढाने, लोगों के जीवन को सरल बनाने पर जोर. वहीं, लार्ड मेघनाथ देसाई का एक संक्षिप्त आलेख है: यह एक सामान्य बजट है. रांची के एक सनकी पुलिस कर्मी ब्रजेश तिवारी द्वारा हथौड़ा मार कर बेटी, बेटा व पत्नी की हत्या करने व फिर खुद की जान देने की कोशिश की खबर को अखबार ने प्रमुखता दी है. वह पुलिस कर्मी पलामू का रहने वाला है और गढवा उसका ससुराल है. हत्या की आरंभिक वजह उसकी बेटी की किसी लड़के से प्रेम संबंध को बताया जा रहा है. कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर चीन के वुहान शहर से आने वाले सभी लोगों की जांच के निर्देश की खबर भी अखबार में है.
हिंदुस्तान ने बजट पर लीड खबर का शीर्षक दिया है : मध्यवर्ग पर मरहम. अखबार ने बजट के तीन थीम को रेखांकित किया है: महत्वाकांक्षी भारत, सबका आर्थिक विकास, संरक्षित समाज. अखबार ने लिखा है कि सार्वजनिक निजी साझेदारी से पांच नयी स्मार्ट सिटी बनेंगी और टैक्स चार्टर आएगा. अखबार ने तेजस ट्रेनों को पर्यटक स्थलों से जोड़ने व नये टैक्स स्लैब की भी चर्चा की है. अखबार ने लिखा है कि करदाताओं को सशर्त टैक्स छूट देने की बात कही गयी है. अखबार ने लिखा है कि लोगों की क्रय शक्ति को बढाना बजट का मकसद है. बजट में झारखंड में राष्ट्रीय आदिवासी संग्राहलय बनाने के एलान का जिक्र की खबर भी अखबार में है. वहीं, गंगा-दामोदर ट्रेन से 18 पिस्टल व 36 मैगजीन बरामद होने की खबर भी अखबार ने धनबाद से दी है. वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बयान है कि प्रधानमंत्री से राज्य में आदिवासी विश्वविद्यालय खोलने की मांग की थी. उन्होंने इसे पूरा नहीं करने को राज्य की जनता के साथ धोखा बताया.
दैनिक जागरण ने पहले पन्ने पर बजट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का इलेस्ट्रेशन बनाया है और बहुत समाट ढंग से शीर्षक दिया है दूरदर्शी बजट. इस अखबार ने बजट को जस्टिफाई करने की कोशिश की है. निर्मला सीतारमण का एक कोट है: अर्थव्यवस्था की बुनियाद बहुत मजबूत है, महंगाई को रोकने में हम कामयाब रहे हैं, हमने कई संस्थागत सुधार किए हैं, जिसमे जीएसटी ऐतिहासिक रहा है. अखबार ने लिखा है कि पांच साल में आधारभूत संरचना पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार. अखबार ने पीपीपी माॅडल के तहत 150 ट्रेनें चलाने के एलान का जिक्र किया है. अराजपत्रित सरकारी नैकरियों के लिए नेशनल रिक्रूमेंट सेंटर गठन का भी अखबार ने उल्लेख किया है.
दैनिक भास्कर ने बजट वाली खबर का शीर्षक दिया है: कल किसने देखा. इसका सब हेडिंग है – बजट का संदेश: जितना कमाओ पूरा खर्च करो. अखबार ने नये कर स्लैब के मद्देनजर लिखा है कि धीरे-धीरे सभी कर छूट खत्म करने की तैयारी की जा रही है. अखबार ने एक अन्य खबर दी है कि रोजगार के रास्ते दिखाए, पर कितने लोगों को कब काम मिलेगा, यह स्पष्ट नहीं. निर्मला सीतारमण के करीब पौने तीन घंटे लंबे भाषण का उल्लेख करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ उनकी तसवीर अखबार में छापी है, जिसमें लिखा है बजट का पर्चा बहुत लंबा था, थक गयीं. बजट पर दिल्ली के स्कूल आॅफ इकोनाॅमिक्स के प्रोफेसर राम सिंह का आलेख है, जिसका शीर्षक है – काॅरपोरेट सेंटिमेंट के लिए ठीक, पर खपत बढाने का खाका नहीं.