झालसा के निर्देश पर जागरूकता अभियान: पॉक्सो और सड़क दुर्घटनाओं पर सख्ती
सड़क और समाज दोनों को चाहिए सुरक्षा, जागरूकता ही पहला इलाज
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष ने कहा कि पॉक्सो एक्ट एवं मोटर वाहन दुर्घटना वाद में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश सभी स्टेकहोल्डर के लिए प्रदान किया गया है.
गिरिडीह: झारखंड विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के निर्देशानुसार, आज जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डीएलएसए) की ओर से व्यवहार न्यायालय परिसर में एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला का उद्देश्य पॉक्सो एक्ट 2012 और मोटर वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित मामलों के सभी हितधारकों (stakeholders) को जागरूक करना था.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष ने कहा कि पॉक्सो एक्ट एवं मोटर वाहन दुर्घटना वाद में सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा महत्त्वपूर्ण दिशा-निर्देश सभी स्टेकहोल्डर के लिए प्रदान किया गया है. इन दिशा निर्देशों का अनुपालन विभिन्न स्तरों पर किए जाने से पॉक्सो एक्ट एवं मोटर वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित पीड़ितों को त्वरित न्याय उपलब्ध कराया जा सकता है.
उपायुक्त सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार रामनिवास यादव ने कहा कि आज का वर्कशॉप सभी स्टेकहोल्डर के लिए जैसे पुलिस पदाधिकारियों, चिकित्सकों, अधिवक्ताओं के लिए अत्यंत ही महत्वपूर्ण है. उन्होंने सभी से अपील किया कि आज के इस वर्कशॉप के तकनीकी सत्र में विद्वान न्यायिक पदाधिकारियों एवं रिसोर्स पर्सन के द्वारा बताए जा रहे दिशानिर्देशों का अनुपालन पॉक्सो एक्ट एवं मोटर वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित मामलों में करें, ताकि इन मामलों के पीड़ितों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान किया जा सके.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक डॉ बिमल कुमार ने मोटर वाहन दुर्घटना वाद तथा पॉक्सो मामलों में पुलिस पदाधिकारियों, डॉक्टर की संवेदनशीलता एवं उनके कर्तव्यों के बारे में उन्हें जागरूक किया.
जिला अधिवक्ता संघ के सचिव चुन्नूकांत के द्वारा इस वर्कशॉप को कराने के लिए प्रधान जिला जज गिरिडीह एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार गिरिडीह को धन्यवाद ज्ञापित किया गया. उन्होंने अधिवक्ता संघ के प्रतिनिधियों को इस वर्कशॉप में मोटर वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित प्रावधानों को बारीकी पूर्वक समझने का सुझाव दिया.
कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नवम राजेश कुमार बग्गा एवं जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश चतुर्थ हरिओम कुमार ने मोटर वाहन दुर्घटना वाद के विभिन्न प्रावधानों के ऊपर विस्तार पूर्वक बतलाते हुए इसमें न्यायिक पदाधिकारियों की भूमिका, पुलिस पदाधिकारियों की भूमिका, बीमा कंपनियों की भूमिका इत्यादि विषयों पर प्रतिभागियों को जानकारी प्रदान किया. इसके उपरांत पुलिस उपाधीक्षक मो कौसर अली ने हिट एंड रन केस में परिवहन विभाग के माध्यम से मिलने वाले मुआवजा तथा वाद के अनुसंधान की प्रक्रियाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बतलाया.
साथ ही जिला एवं अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दशम विशाल कुमार तथा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी रीमा कुमारी ने प्रतिभागियों को पॉक्सो के मामलों में पदाधिकारियों के भूमिका, पीड़ित के प्रति संवेदनशील बर्ताव आदि के बारे में जरूरी पहलुओं पर जानकारी प्रदान की. कार्यक्रम का संचालन न्यायिक दंडाधिकारी स्मृति त्रिपाठी ने किया.
कार्यक्रम में न्यायिक पदाधिकारी गण, गिरिडीह, कार्यपालक पदाधिकारीगण, जिले के विभिन्न थाना से पुलिस पदाधिकारी, गिरिडीह न्याय मंडल के सभी विद्वान मध्यस्थगण, लोक अभियोजकगण, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के सभी विद्वान अधिवक्तागण, जिला अधिवक्ता संघ के विद्वान अधिवक्तागण सहित न्यायालय के कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
