भारतीय संसद में ऐसा क्या हुआ था, कि पाकिस्तान में मच गया था सियासी भूचाल?
संसद का वो एक सच... और पाकिस्तान में हड़कंप!
नई दिल्ली: लोकसभा में भारत सरकार के स्पष्ट और तथ्यात्मक बयान के बाद, पाकिस्तान एक बार फिर अपनी पुरानी आदत पर उतर आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय संसद में उठाए गए गंभीर मुद्दों और आरोपों को लेकर पाकिस्तान सरकार ने उन्हें 'बेबुनियाद' करार दिया है। इसके साथ ही उसने भारतीय अधिकारियों को अप्रत्यक्ष रूप से चेतावनी भी देने की कोशिश की है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के किसी भी चरण में किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं रही है। उन्होंने इस विषय पर चल रही अटकलों और विदेशी हस्तक्षेप की संभावनाओं को पूरी तरह खारिज कर दिया।
क्या था पूरा मामला?

संसद में रखे गए अकाट्य सबूतों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने पाकिस्तान की छवि को धूमिल किया। भारत ने पूरी दुनिया को यह दिखाया कि वह न केवल अपने खिलाफ हो रहे षड्यंत्रों से वाकिफ है, बल्कि उनके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता और इच्छाशक्ति भी रखता है।
पाकिस्तान की घबराहट
जैसे ही यह खबर संसद से निकलकर मीडिया के माध्यम से फैली, पाकिस्तान में इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हुई। पाकिस्तानी सरकार और सेना ने तुरंत आनन-फानन में खंडन जारी किए और भारत पर गलतबयानी का आरोप लगाया। उनकी यह बौखलाहट इस बात का सबूत थी कि भारत का निशाना बिल्कुल सटीक बैठा था। पाकिस्तान को यह डर सताने लगा था कि भारत के इस कदम से उसे वैश्विक मंच पर अलग-थलग किया जा सकता है और उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
भारत ने किया साफ
पीएम मोदी ने मंगलवार को कांग्रेस पर पाकिस्तान की भाषा बोलने का आरोप लगाया, साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि दुनिया के किसी भी नेता ने भारत से 'ऑपरेशन सिंदूर' रोकने के लिए नहीं कहा। प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि इस अभियान के दौरान पूरी दुनिया का समर्थन मिला, लेकिन जवानों के पराक्रम को मुख्य विपक्षी दल का समर्थन नहीं मिला।
उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों और इसे लेकर विपक्षी दलों के सवालों की पृष्ठभूमि में कहा, 'दुनिया के किसी भी नेता ने हमें ऑपरेशन (सिंदूर) रोकने के लिए नहीं कहा।' मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की सेना ने 22 मिनट में 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले का बदला निर्धारित लक्ष्य के साथ और तय कार्रवाई के अनुसार लिया।
प्रमुख बिंदु:
• सटीक खुलासा: भारतीय संसद में सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दे पर तथ्यात्मक जानकारी साझा की गई।
• पाकिस्तान का पर्दाफाश: इस खुलासे ने पाकिस्तान के दोहरे चरित्र और झूठ को उजागर कर दिया।
• अंतरराष्ट्रीय प्रभाव: भारत के इस कदम ने वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
• पाकिस्तान की प्रतिक्रिया: खुलासे के बाद पाकिस्तान में घबराहट का माहौल बन गया और उसने तुरंत खंडन करना शुरू कर दिया।
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