Biodiversity
ओपिनियन  पर्यावरण  आर्टिकल 

Climate कहानी: जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य को जोड़ने वाला IPBES का 'नेक्सस असेसमेंट': भारत के लिए एक सबक

Climate कहानी: जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य को जोड़ने वाला IPBES का 'नेक्सस असेसमेंट': भारत के लिए एक सबक भारत जैसे देश, जहां कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और जनसंख्या का बड़ा हिस्सा प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है, इस रिपोर्ट में सुझाए गए उपाय बेहद प्रासंगिक हैं. जल संकट, प्रदूषण, वनों की कटाई और अनियमित शहरीकरण जैसे मुद्दे यहां न केवल जैव विविधता को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं.
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झारखण्ड  राज्य  साहिबगंज 

पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व जैव विविधता पर निर्भर करता है: डॉ रणजीत कुमार सिंह

पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व जैव विविधता पर निर्भर करता है: डॉ रणजीत कुमार सिंह साहिबगंज : मानव अस्तित्व के लिए खाना, पानी और अन्य बुनियादी चीजें प्रकृति द्वारा ही संभव हैं।ं इसलिए इसके महत्व पर लोगों का ध्यान आकर्षित करना बेहद जरूरी है। जैव विविधता लोगों की सुरक्षा कैसे करता है, यह जानना जरूरी...
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पर्यावरण 

जैव विविधता : विकासशील देशों में विकल्पों के अभाव में वन्य जीवों का गैर सतत उपयोग अधिक

जैव विविधता : विकासशील देशों में विकल्पों के अभाव में वन्य जीवों का गैर सतत उपयोग अधिक हर पांच में से एक व्‍यक्ति अपनी आमदनी और भोजन के लिए वन्‍यजीव प्रजातियों पर है निर्भर। इंसान के भोजन के लिए 10 हजार वन्‍यजीव प्रजातियों का होता है दोहन अक्‍सर ‘जैव-विविधता के लिए आईपीसीसी’ के तौर पर वर्णित की...
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पर्यावरण 

केंदू पत्ता के लिए जंगल में लगायी जाने वाली आग से हर साल निकलता है 56 लाख कार के बराबर धुआं

केंदू पत्ता के लिए जंगल में लगायी जाने वाली आग से हर साल निकलता है 56 लाख कार के बराबर धुआं नयी दिल्ली : आइफॉरेस्ट द्वारा उपग्रह डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि बीड़ी बनाने के लिए तेंदू पत्ता संग्रहण के लिए भारत में हर साल वन भूमि के बड़े हिस्से को जलाया जा रहा है। बढते जलवायु आपदा को...
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समाज  पर्यावरण 

ब्लॉग : आदिवासियों के अधिकार और अस्मिता के अनुत्तरित अध्याय

ब्लॉग : आदिवासियों के अधिकार और अस्मिता के अनुत्तरित अध्याय रमेश शर्मा 28 मई 1830 को तत्कालीन अमेरिका की संसद में एक क़ानून पारित हुआ जिसे ‘इंडियन रिमूवल एक्ट’ के नाम से जाना जाता है। लेकिन यह संसद मे पारित होने वाले तमाम कानूनों से अलहदा था। वह इसलिये कि...
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पर्यावरण 

संयुक्त राष्ट्र का यह महा सम्मलेन कस सकता है जैव विविधता के नुकसान पर लगाम

संयुक्त राष्ट्र का यह महा सम्मलेन कस सकता है जैव विविधता के नुकसान पर लगाम लिविंग इन हार्मनी विद नेचर के 2050 के लक्ष्य लेकर बढ़ेगा कल से चीन में वर्चुअल रूप से शुरू होने वाला यह जैव विविधता महा सम्मलेन मानव इतिहास में किसी भी वक़्त की तुलना में हम आज सबसे तेज़ी से...
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