जगरनाथ महतो के बाद रामदास सोरेन का भी निधन, अब अगला शिक्षा मंत्री कौन? विस के साथ भी अजीब संयोग
झारखंड मुक्ति मोर्चा कोटे से लगातार दूसरे शिक्षा मंत्री का कार्यकाल अधूरा
जगरनाथ महतो के बाद अब रामदास सोरेन भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. 8 महीने के अल्प कार्यकाल में ही उनका निधन हो गया. अब झारखंड में नया शिक्षा मंत्री कौन होगा और घाटशिला सीट पर उपचुनाव कब होगा, यह बड़ा सवाल है.
समृद्ध डेस्क: तीन दिन पहले हमने "शिक्षा मंत्री पर ग्रहण, संयोग या अपशगुन" शीर्षक से एक पोस्ट लिखा था. जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा के कोटे से बनने वाले शिक्षा शिक्षा मंत्रियों के संबंध में लिखा था. झारखंड मुक्ति मोर्चा के कोटे से बनने वाले पहले शिक्षा मंत्री झारखंड आंदोलनकारी स्वर्गीय जगरनाथ महतो और रामदास सोरेन की चर्चा की थी. मैंने अपने पोस्ट में पहले ही बता दिया था कि रामदास सोरेन का ब्रेन डेड हो चुका है. ऐसी स्थिति में अब बचना संभव नहीं है. डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर दिए थे. आखिरकार 15 अगस्त की रात रामदास सोरेन भी दुनिया छोड़कर चले गए.

रामदास सोरेन बड़े झारखंड आंदोलनकारी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता थे. स्वर्गीय शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी थे. कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन जब झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर भाजपा में गए तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन के बदले रामदास सोरेन को मंत्रिमंडल में शामिल कर कोल्हान में राजनीतिक क्षतिपूर्ति की भरपाई करने की कोशिश की.
चंपई के बदले रामदास सोरेन को आगे किया गया. लेकिन दुर्भाग्य से रामदास सोरेन अब हमारे बीच नहीं रहे. उनके जाने से झारखंड मुक्ति मोर्चा को भी भारी नुकसान हुआ है. रामदास सोरेन ऐसे समय पर दुनिया छोड़ गए जब गुरु जी का श्रद्धा कर्म भी संपन्न नहीं हुआ था. रामदास सोरेन अपने प्रिय नेता के पास चले गए.
हमने जिस संयोग और अपशगुन की चर्चा की थी अब वही हुआ. अब यह देखना है कि अगला शिक्षा मंत्री कौन होता है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यह जिम्मेदारी किसको देते हैं. किसी नए मंत्री को यह जिम्मेदारी मिलेगी या उच्च शिक्षा मंत्री का प्रभार संभाल रहे सुदिव्य कुमार सोनू को पूरा प्रभार दे दिया जाएगा. फिलहाल तो यही संभावना है. आगे क्या होगा यह देखना होगा.
एक संजोग और अलग राज्य बनने के बाद से अभी तक संभवत किसी भी विधानसभा का कार्यकाल ऐसा नहीं रहा जिसमें उपचुनाव नहीं हुआ हो. हर विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने से पूर्व किसी न किसी कारण से उपचुनाव होता रहा है. अब रामदास सोरेन के निधन के बाद घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव चुनाव होना तय है. 6 महीना के अंदर यहां चुनाव होगा. संभव है अक्टूबर में जब बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा हो तो घाटशिला में भी चुनाव की घोषणा हो जाए.
