Ramdas Soren death
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Read More... मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर रांची के विद्यालयों में शोकसभा का आयोजन
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By Mohit Sinha
झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर रांची के 2128 विद्यालयों में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई, 2.5 लाख छात्रों और 10,000 शिक्षकों ने दी श्रद्धांजलि। आजसू प्रमुख ने कहा, आंदोलन की हर लड़ाई में सबसे आगे रहे रामदास सोरेन
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By Mohit Sinha
शिक्षा मंत्री और झारखंड आंदोलनकारी रामदास सोरेन के निधन पर आजसू पार्टी ने गहरा शोक व्यक्त किया. सुदेश महतो ने उन्हें झारखंड आंदोलन का सच्चा योद्धा बताया, वहीं प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि वह झारखंडी जनता के हक और सम्मान के लिए सदैव लड़ते रहे. डॉ देवशरण भगत ने कहा कि मजदूरों और विस्थापितों के हितों की आवाज हमेशा बुलंद करते रहे सोरेन का जाना अपूरणीय क्षति है. शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को भाजपा ने दी श्रद्धांजलि, बाबूलाल मरांडी हुए भावुक
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By Mohit Sinha
झारखंड भाजपा ने शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की. विधानसभा परिसर में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सांसद आदित्य साहू ने उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि अर्पित कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की. जगरनाथ महतो के बाद रामदास सोरेन का भी निधन, अब अगला शिक्षा मंत्री कौन? विस के साथ भी अजीब संयोग
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By Sunil Singh
जगरनाथ महतो के बाद अब रामदास सोरेन भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. 8 महीने के अल्प कार्यकाल में ही उनका निधन हो गया. अब झारखंड में नया शिक्षा मंत्री कौन होगा और घाटशिला सीट पर उपचुनाव कब होगा, यह बड़ा सवाल है. रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर पहुंचा रांची, अंतिम संस्कार आज पैतृक गांव में
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By Mohit Sinha
दिल्ली से लाए गए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर को विधानसभा में रखा जाएगा। विधायकों और मंत्रियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद शाम को राजकीय सम्मान और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. ग्राम प्रधान से मंत्री तक: रामदास सोरेन की संघर्षगाथा
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By Mohit Sinha
रामदास सोरेन ने राजनीति की शुरुआत ग्राम प्रधान से की और जनता से गहरे जुड़ाव के बल पर झारखंड की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान बनाया. मेहनत और संघर्ष ने उन्हें मंत्री पद तक पहुंचाया. 2005 में टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए रामदास सोरेन ने जनता का अपार समर्थन पाया. 35 हजार वोट लेकर उन्होंने अपनी लोकप्रियता साबित की और झारखंड की राजनीति में मजबूत पहचान बनाई. 