मिशन बंगाल में उतरी भाजपा, पर्दे के पीछे मुख्य रणनीतिकार बने सीआर पाटिल
बिहार जीत के बाद भाजपा ने 150 नेताओं की टीम उतारी
बिहार चुनाव में सफलता के बाद भाजपा ने मिशन बंगाल की तैयारी तेज कर दी है। पार्टी ने 150 नेताओं की टीम को बंगाल में तैनात किया है, जबकि पर्दे के पीछे मुख्य रणनीतिकार सीआर पाटिल पूरे अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं।
कोलकाता : बिहार विधानसभा चुनाव में मिली भारी सफलता से भाजपा उत्साहित है। भाजपा अब मिशन बंगाल की राह पर है। बंगाल फतह की तैयारी है। इसमें कितनी सफलता मिलेगी यह तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा। लेकिन भाजपा ने अभी से ही वहां अपनी तैयारी तेज कर दी है। मिशन बंगाल को लेकर 150 नेताओं की फौज बंगाल के विभिन्न जिलों में उतर चुकी है। इनमें अधिकांश पार्टी के बड़े नेता, विभिन्न राज्यों के सांसद और विधायक हैं।

पाटिल पर्दे के पीछे काम करते हैं। रणनीति बनाते हैं और उसे अमली जामा पहनाते हैं। मोदी और अमित शाह के सबसे करीबी और भरोसेमंद हैं। मिशन बंगाल के तहत फिलहाल 6 संगठन सचिव और 6 वरिष्ठ नेताओं की अलग-अलग टीम काम कर रही है। चुनाव की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आएगी, वैसे-वैसे नेताओं और कार्यकर्ताओं की टोली वहां पहुंचेगी। ग्रासरूट स्तर पर योजना बनाकर काम शुरू हो चुका है।
सूत्रों के अनुसार जिन नेताओं को मिशन बंगाल के तहत अभी लगाया गया है उनके नाम इस प्रकार हैं। उत्तर बंगाल (अनंत नारायण मिश्रा), राढ़ (पवन साईं और धन सिंह रावत), हावड़ा (पवन राणा और संजय भाटिया), मेदिनीपुर (जेपीएस राठौर), दक्षिण 24 परगना (एम सिद्धार्थन और सीटी रवि), सिलीगुड़ी (अरुण बिन्नादी ,राजीव कुमार ओझा)। गृहमंत्री अमित शाह अब लगातार हर महीने बंगाल का दौरा करेंगे। इसके साथ पार्टी के अन्य नेता भी बंगाल के दौरे पर जाएंगे। पीएम मोदी का भी कार्यक्रम तैयार हो रहा है।
भाजपा इस बार बंगाल में करो और मरो की नीति पर काम करने की तैयारी कर रही है। पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी को उखाड़ फेंकने में भाजपा को कितनी सफलता मिलेगी यह देखना होगा। क्योंकि टीएमसी बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है। ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर करना मुश्किल है। इधर, टीएमसी ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। फिलहाल तो एसआईआर के मुद्दे पर ही टीएमसी और भाजपा में टकराव की स्थिति है
