Hazaribagh News: हजारीबाग से खासा रिश्ता था झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री दिशोम गुरु शिबू सोरेन का
गुरु जी का जन्म स्थल उसे समय के हजारीबाग रामगढ़ एकीकृत गोला प्रखंड के नेमरा में हुआ था..
उन्होंने भावुक होकर बताया कि जब मेरे पिता की मृत्यु 2013 में हो गई थी तब भी गुरु जी हमारे घर आए थे, हजारीबाग जब भी आते थे कभी सर्किट हाउस में नहीं रहते थे तो मेरे घर ही आकर रुकते थे मां के हाथों का बना खाना खाते थे फिर कहीं जाते थे,
हजारीबाग: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ कमल नयन सिंह ने कहा कि गुरुजी का जाना आज मेरे ऊपर से अभिभावक का छत्रछाया उड़ जाने के समान है. उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि गुरु जी कैसे संघर्ष कर अलग राज्य की परिकल्पना की, कैसे उसे उन समय में जब उनकी पिताजी की हत्या हो गई थी तब वह कैसे परिवार को संभाल

डॉ कमलनयन सिंह पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि उनके ऊपर जब रेड वारंट था तो वह जंगल के रास्तों से होते हुए हजारीबाग पहुंचते थे जहां पर वह वकीलों से मिलकर अपनी केस की वस्तु स्थिति को समझते थे, इस क्रम में सत्तू एवं चूड़ा लेकर चलते थे जिसे वह खाकर रहते थे, उन्होंने भावुक होकर बताया कि जब मेरे पिता की मृत्यु 2013 में हो गई थी तब भी गुरु जी हमारे घर आए थे, हजारीबाग जब भी आते थे कभी सर्किट हाउस में नहीं रहते थे तो मेरे घर ही आकर रुकते थे मां के हाथों का बना खाना खाते थे फिर कहीं जाते थे,
उन्होंने बताया कि गुरु जी को लौकी की सब्जी रोटी काफी पसंद हुआ करता था, उन्होंने बताया कि उनके दैनिक जीवन में हर दिन एक गिलास दूध जरूर हुआ करता था.
डॉ कमलनयन सिंह ने बताया कि जब भी उनके घर गुरु जी आते थे तो घंटे घंटे उनकी मां के साथ बातें किया करते थे अगर जिस दिन मां किसी खबर को गुरुजी से रिलेटेड सुनती थी और गुरुजी जब जाते थे तब वह गुरुजी को प्यार से डांट भी दिया करती थी
उन्होंने आगे बताया कि हाल फिलहाल तक जब भी गुरुजी से मिलने के लिए जाया करते थे, तो हजारीबाग के बारे में जरूर पूछा करते थे यही नहीं जिन वकीलों का उन समय में साथ मिला था उनके भी घर परिवार के बारे में हाल-चाल लिया करते थे
उन्होंने आगे बताया कि आज बहुत ही दुख की घड़ी है..
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