उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दिया इस्तीफा, अगला उपराष्ट्रपति चुनने के लिए जल्द कराना होगा चुनाव
विपक्षी दल ने अचानक उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर उठाये सवाल
बता दें की उपराष्ट्रपति ने 11 अगस्त 2022 को अपने पद की शपथ ली थी. उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था, चुनाव में धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले थे.
नई दिल्ली: देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ सोमवार रात को अचानक अपने पद से इस्तीफा दिया. उन्हें इस्तीफे में स्वास्थ्य कारण को वजह बताया. बता दें की उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक का था. 74 वर्षीय धनखड़ देश के 14 वें उपराष्ट्रपति थे. उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(A) के तहत राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू को अपना इस्तीफा सौफा.
उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा

बता दें की उपराष्ट्रपति ने 11 अगस्त 2022 को अपने पद की शपथ ली थी. उन्होंने उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था, चुनाव में धनखड़ को कुल 725 में से 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट मिले थे.
बता दें कि अभी देश में मानसून सत्र चल रहा है. सत्र के बीच में पद से इस्तीफा देने वाले वह देश के पहले उपराष्ट्रपति हैं, एवं कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले तीसरे. इनसे पूर्व कार्यकाल में रहते वी.वी.गिरी एवं भैरों सिंह शेखावत ने पद पर रहते हुए अपना इस्तीफा दिया. जबकि आर. वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा एवं के.आर.नारायणन ने राष्ट्रपति बनाने के बाद उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दिए. उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं.
अगला उपराष्ट्रपति चुनने के लिए जल्द कराना होगा चुनाव
अगला उपराष्ट्रपति चुनने के लिए जल्द चुनाव कराना होगा. विपक्षी दलों ने सोमवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर सवाल उठाए. कांग्रेस ने कहा कि यह मामला जितना दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है. कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे धनखड़ को अपना फैसला बदलने और इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाएं
राज्यसभा के पदेन सभापति होते हैं उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन सभापति (उपराष्ट्रपति होने के नाते राज्यसभा के सभापति का पद धारण करते हैं) होते हैं और कोई अन्य लाभ का पद धारण नहीं करते हैं. किसी भी अवधि के दौरान जब उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते हैं या उसके कार्यों का निर्वहन करते हैं, तो वह राज्यसभा के सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन नहीं करते हैं और राज्यसभा के सभापति को देय किसी भी वेतन या भत्ते के हकदार नहीं होते हैं.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
