1971 युद्ध में नौसेना की वीरता को दी जाएगी श्रद्धांजलि
इस बार तिरुवनंतपुरम में मनाया जाएगा नौसेना दिवस
भारतीय नौसेना दिवस इस वर्ष 4 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम समुद्र तट पर मनाया जाएगा। 1971 के भारत-पाक युद्ध में नौसेना की भूमिका की याद में आयोजित यह कार्यक्रम देश की समुद्री शक्ति, आत्मनिर्भरता और तकनीकी उत्कृष्टता का प्रदर्शन करेगा। इस अवसर पर नौसेना के अग्रिम पंक्ति के प्लेटफॉर्मों द्वारा समन्वित युद्धाभ्यास और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन किया जाएगा, जिससे जनता को नौसेना की तैयारी और शक्ति का सजीव अनुभव मिलेगा।
नई दिल्ली: पाकिस्तान के साथ 1971 में युद्ध के दौरान नौसेना की महत्वपूर्ण भूमिका की याद में मनाया जाने वाला नौसेना दिवस इस बार तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम समुद्र तट पर 04 दिसंबर को मनाया जाएगा। इस युद्ध में भारत की समुद्री सेना ने दुश्मन की नौसेना और तटीय सुरक्षा को करारा झटका दिया था। इस बार का ऑपरेशनल प्रदर्शन विकसित और समृद्ध भारत के लिए समुद्र की सुरक्षा करने वाले एक युद्ध-तैयार, एकजुट, विश्वसनीय और आत्मनिर्भर बल के रूप में भारतीय नौसेना की समुद्री उत्कृष्टता का उत्सव होगा।

नौसेना के कैप्टन विवेक मधवाल के मुताबिक इस कार्यक्रम में नागरिकों को भारतीय नौसेना के बहु डोमेन संचालन के विभिन्न पहलुओं को देखने का अनूठा मौका मिलेगा। तिरुवनंतपुरम के शंगुमुघम समुद्र तट पर होने वाला ऑपरेशनल प्रदर्शन हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में 'पसंदीदा सुरक्षा भागीदार' के रूप में नौसेना के संकल्प को प्रदर्शित करेगा। यह कार्यक्रम नौसेना की दुर्जेय लड़ाकू क्षमताओं, तकनीकी उत्कृष्टता और परिचालन तत्परता को जीवंत करेगा। साथ ही देश की बढ़ती समुद्री ताकत और आत्मनिर्भरता को भी दर्शाएगा। इस ऑपरेशनल प्रदर्शन में अग्रिम पंक्ति के प्लेटफार्मों के समन्वित युद्धाभ्यास प्रदर्शित किए जाएंगे, जो नौसेना की समुद्री क्षेत्र में शक्ति और सटीकता प्रदान करने की क्षमता का प्रतीक होगा।
उन्होंने बताया कि आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को दर्शाते हुए इस प्रदर्शन में रक्षा निर्माण में भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रतिनिधित्व करने वाली कई स्वदेशी निर्मित संपत्तियां प्रदर्शित की जाएंगी। यह समारोह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान प्रदर्शित नौसेना की तैयारियों और निवारक क्षमता को भी उजागर करेगा, जो सटीकता, गति और प्रभुत्व के साथ हमला करने की उसकी क्षमता की पुष्टि करता है। यह प्रदर्शन भारतीय नौसेना के उन पुरुषों और महिलाओं के व्यावसायिकता, अनुशासन और साहस को श्रद्धांजलि है, जो देश की संप्रभुता और समुद्री हितों की रक्षा करते हैं।
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