“सपनों से समझौता नहीं”:कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने नर्सिंग कौशल कॉलेज का किया निरीक्षण
ग्रामीण बच्चों को गुणवत्तापूर्ण मेडिकल शिक्षा देने की पहल
कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने रांची जिले के चान्हों स्थित नर्सिंग कौशल कॉलेज का निरीक्षण किया. कॉलेज की आधारभूत संरचना, शिक्षण सुविधा और छात्रावास का जायज़ा लेते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के किसी भी बच्चे को संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों से समझौता नहीं करना चाहिए. मंत्री ने PPP मोड में कौशल विकास संस्थानों को बढ़ावा देने की भी बात कही.
रांची: कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने बुधवार को चान्हों प्रखंड स्थित नर्सिंग कौशल कॉलेज का दौरा किया. इस अवसर पर उन्होंने कॉलेज की प्रबंधन समिति के साथ बैठक कर कॉलेज के संचालन, आधारभूत संरचना और भविष्य की योजनाओं को लेकर विचार-विमर्श किया.

चमरा लिंडा ने कॉलेज प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि यह कैंपस अत्यंत सुव्यवस्थित और संसाधनों से परिपूर्ण है. इसका समुचित उपयोग करते हुए हम यहाँ मेडिकल शिक्षा से जुड़े विभिन्न व्यावसायिक कोर्स जैसे - नर्सिंग (ANM, GNM) की शुरुआत कर सकते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के छात्राओं को अत्यधिक लाभ मिलेगा. वे एएनएम जीएनएम बनकर राज्य एवं देश की सेवा करेंगी!
मंत्री चमरा लिंडा ने कॉलेज प्रबंधन से कहा कि वे इस दिशा में विस्तृत योजना बनाकर विभाग को प्रस्ताव भेजें. उन्होंने यह भी कहा कि विभाग की प्राथमिकता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण मेडिकल शिक्षा और प्रशिक्षण उपलब्ध कराई जाए ताकि ग्रामीण बच्चे - बच्चियों को न सिर्फ रोजगार के अवसर मिलें बल्कि राज्य को प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों का भी लाभ मिले.
इसके अलावा, मंत्री ने यह संकेत भी दिया कि सरकारी-निजी भागीदारी (PPP Mode) में भी इस प्रकार के कौशल विकास संस्थानों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि झारखंड के युवा आत्मनिर्भर बन सकें.
अंत में उन्होंने कॉलेज प्रशासन को आश्वस्त किया कि यदि प्रस्ताव ठोस होगा तो झारखंड सरकार द्वारा हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा. मेरा उद्देश्य है कि झारखंड का कोई भी बच्चा केवल संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों से समझौता न करे.
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
'समृद्ध झारखंड' के लिए वे मुख्य रूप से राजनीतिक और वैज्ञानिक हलचलों पर अपनी पैनी नजर रखते हैं और इन विषयों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हैं।
