आदिवासी मुख्यमंत्री के रहते झारखंड का आदिवासी समाज अपने हक और अधिकार पेसा से वंचित: रघुवर दास
निकाय चुनाव नहीं कराकर पिछड़ों को अधिकार नहीं देना चाहती हेमंत सरकार
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा। दास आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। दास ने कहा कि भारत का संविधान आदिवासी ,दलित,वंचित, शोषित समाज को संवैधानिक अधिकार देता है। लेकिन संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस झामुमो की सरकार आज राज्य के आदिवासियों ,पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है।
रांची: झारखण्ड के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा। दास गुरुवार को प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। दास ने कहा कि भारत का संविधान आदिवासी, दलित, वंचित, शोषित समाज को संवैधानिक अधिकार देता है। लेकिन संविधान की दुहाई देने वाली कांग्रेस झामुमो की सरकार आज राज्य के आदिवासियों ,पिछड़ों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। भाजपा की सरकार ने राज्य में पेसा कानून लागू करने की दिशा में सार्थक पहल किए थे। प्रक्रिया आगे बढ़ी। भाजपा सरकार के बाद हेमंत सरकार ने विभागों से प्राप्त मंतव्य विधि विभाग में भेजा। आगे महाधिवक्ता ने कैबिनेट में ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया लेकिन मंशा साफ नहीं होने के कारण यह सरकार इसे लटका भटका रही है।

कहा कि राज्य सरकार ने न्यायालय की अवमानना करते हुए बालू से 2000करोड़ के राजस्व की आय का लक्ष्य निर्धारित कर विज्ञापन निकाला है। इस प्रकार देखा जाए तो पिछले 6 वर्षों में राज्य को हजारों करोड़ की लूट का साक्षी बनाया गया है। उन्होंने इस लूट की सीबीआई जांच कराने की मांग की। कहा कि कांग्रेस झामुमो की सरकार आदिवासी समाज को अधिकार नहीं देना चाहती। इस सरकार ने अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग का भी गठन नहीं किया। राज्य में लंबित नगर निकाय चुनाव पर बोलते हुए दास ने कहा कि हेमंत सरकार न गांव का विकास चाहती है और न शहरों का। नगर निकाय चुनाव नहीं कराकर सरकार प्रतिवर्ष 1800 करोड़ के केंद्रीय अनुदान से झारखंड को वंचित रख रही है। जबकि पेसा नहीं लागू होने के कारण 1400 करोड़ की क्षति हो रही।
कहा कि यह सरकार ट्रिपल टेस्ट पूरा नहीं कराकर पिछड़ों को उनके अधिकार से वंचित रखना चाहती है। पहले भी राज्य के विभिन्न जिलों की नौकरी रोस्टर में पिछड़ों का आरक्षण नहीं है। इसपर भी राज्य सरकार चुप्पी साधे बैठी है। उन्होंने कहा कि चाहे पेसा नियमावली हो या नगर निकाय चुनाव यह सरकार दोनों काम नहीं होने देना चाहती। उन्होंने हेमंत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिचौलिए , दलाल के साथ विदेशी धर्म मानने वालों के दबाव में काम कर रही है।यह सरकार तुष्टीकरण में डूबी हुई है।
इस सरकार को दलाल, बिचौलियों का सिंडिकेट चला रहा है,जो मुख्यमंत्री का तिजोरी भर रहा है। कहा कि यदि राज्य का आदिवासी, पिछड़ा, दलित सड़क पर उतर जायेगा तो राज्य सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने राज्य सरकार से अविलंब निकाय चुनाव कराने और पेसा कानून को कैबिनेट में पारित कर लागू करने की मांग की। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता रामाकांत महतो उपस्थित रहे।
Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.
