लोकतंत्र और वंशवाद नहीं हो सकते एक दूसरे के पूरक: गिरिराज सिंह
25 जून को कांग्रेस पार्टी पूरे देश से मांगे माफी
गिरिराज सिंह ने कहा कि वंशवाद की उपज और सत्ता की लोलुप इंदिरा गांधी ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए देश पर 25 जून 75 की रात तत्कालीन राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर से आपातकाल थोप दिया.
रांची: गिरिराज सिंह ने कहा कि 50 साल पहले इंदिरा गांधी ने देश पर आपातकाल थोपी, लोकतंत्र की हत्या की तो देश की युवा पीढ़ी को आज जानने की जरूरत है कि लोकतंत्र की जननी भारत जहां लिच्छवी गणराज्य था में आखिर आपातकाल क्यों लगाया गया. क्यों लोकतंत्र को मारने की कोशिश की. तो यह स्पष्ट है कि आपतकाल लगाने वाली प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी वंशवाद की उपज थी. लोकतंत्र और वंशवाद एक दूसरे के पूरक नहीं हो सकते.

गिरिराज सिंह ने कहा कि वंशवाद की उपज और सत्ता की लोलुप इंदिरा गांधी ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए देश पर 25 जून 75 की रात तत्कालीन राष्ट्रपति फकरुद्दीन अली अहमद के हस्ताक्षर से आपातकाल थोप दिया. रेडियो प्रसारण से देश की जनता इस काले संदेश को सुनी, लाखों लोगों को बिना कोई कसूर के गिरफ्तार किया गया. 2लाख से अधिक राजनीतिक दल के नेताओं की गिरफ्तारी की गई. अटल जी, आडवाणी जी,राज नारायण झारखंड के कड़िया मुंडा जैसे अनेक नेता गिरफ्तार किए गए. महिलाओं को भी नहीं बख्शा गया. 20 हजार से ज्यादा कर्मचारियों को निरस्त कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि आज भले ही मस्जिदों से कांग्रेस पार्टी के पक्ष में फतवा जारी होता है लेकिन आपतकाल में मस्जिदों को भी नहीं बख्शा गया था. पकड़ पकड़ कर नसबंदी की जा रही थी. आज राहुल गांधी जो किताब लेकर घूमते फिरते संविधान बचाने की दुहाई देते हैं उन्हें अपना इतिहास पढ़ना चाहिए. आज के नौजवानों को कांग्रेस के इस चरित्र को जानना जरूरी है. आज कलम की ताकत लोकतंत्र के कारण बची है. कलम बंद नहीं करना पड़े इसलिए आज की पीढ़ी को लोकतंत्र के काले अध्याय के विषय में जानना जरूरी है. कांग्रेस पार्टी को थेथर लॉजी छोड़कर 25 जून को देश भर में माफी सभा करके देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए. भाजपा देश भर में मॉक पार्लियामेंट के माध्यम से युवाओं को इस काले अध्याय से परिचित करा रही है.
झारखंड में आजादी के लिए लड़नी पड़ेगी तीसरी लड़ाई
उन्होंने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यहां तो आपतकाल से भी भयावह स्थिति है. झारखंड जमाई टोला का राज्य बनता जा रहा. झारखंड बारूद के ढेर पर बैठा है. यह बारूद जमाई टोला है.
उन्होंने कहा देश से घुसपैठियों को बाहर करने का काम चिह्नित कर किया जा रहा है लेकिन झारखंड में रेड कार्पेट बिछाया जा रहा. आदिवासी आबादी घट रही. उनके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज बचेगा तभी तो नेता बनेंगे. हेमंत सरकार अबतक पेसा कानून लागू नहीं किया है. यह कानून आदिवासियों की परंपरा संस्कृति को बचाने का कानून है. जल जंगल जमीन पर अधिकार दिलाने का कानून है. आज राज्य के युवाओं को दलदल भावना से ऊपर उठकर झारखंड को बचाने केलिए चिंता करनी चाहिए. हेमंत सरकार सत्ता के लोभ में घुसपैठियों को संरक्षण देकर आपातकाल से भी ज्यादा खतरनाक खेल खेल रही है. इस प्रेसवार्ता में जिलाध्यक्ष वरुण साहू, प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, महानगर प्रदेश प्रवक्ता अजय साह, वरिष्ठ नेता लक्ष्मण सिंह उपस्थित थे
समृद्ध डेस्क (Samridh Desk), समृद्ध झारखंड का आधिकारिक संपादकीय विभाग है — जो निष्पक्ष, पारदर्शी और सामाजिक जागरूक पत्रकारिता के लिए समर्पित है। हम अनुभवी संपादकों, रिपोर्टरों, डिजिटल संवाददाताओं और कंटेंट राइटर्स की टीम हैं, जो सत्य और जिम्मेदारी की भावना से समाज के मुद्दों को सामने लाने का कार्य करती है।
समृद्ध डेस्क के नाम से प्रकाशित हर लेख हमारी निष्ठा, ईमानदारी और सामाजिक उत्तरदायित्व का प्रतीक है।
हम हर खबर को तथ्यों, निष्पक्षता और जनहित के दृष्टिकोण से प्रस्तुत करते हैं — ताकि पाठकों को केवल सूचना नहीं, बल्कि सच्चाई का पूरा चित्र मिले।
