बेटे का फर्ज और राजधर्म: दुख की घड़ी में हेमंत सोरेन निभा रहें मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी
सीएम नेमरा से चला रहे हैं सरकार
रामगढ़: दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने जीवन के सबसे कठिन दौर से गुजर रहे हैं। एक ओर जहां वह अपने पिता के श्राद्ध कर्म में शामिल होकर पुत्र का फर्ज निभा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर वह राज्य के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को भी पूरी लगन से निभा रहे हैं। सरकारी कामकाज को सुचारु रूप से चलाने के लिए वह अपने पैतृक निवास नेमरा से ही अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे हैं और जरूरी फाइलें निपटा रहे हैं।

दिगम्बर दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म का चौथा दिन:
यह श्राद्ध कर्म झारखंड की आदिवासी संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का एक अभिन्न अंग है, जिसमें परिवार के सदस्य प्रतिदिन विधि-विधान से दिवंगत पूर्वज को अन्न समर्पित करते हैं। हेमंत सोरेन इन सभी रस्मों को पूरी श्रद्धा और आदर के साथ निभा रहे हैं, जो उनके पारिवारिक मूल्यों और अपनी जड़ों से जुड़ाव को भी दर्शाता है। उनका यह प्रयास दिखाता है कि वह एक संवेदनशील पुत्र होने के साथ-साथ एक जिम्मेदार मुख्यमंत्री भी हैं।
सुजीत सिन्हा, 'समृद्ध झारखंड' की संपादकीय टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य हैं, जहाँ वे "सीनियर टेक्निकल एडिटर" और "न्यूज़ सब-एडिटर" के रूप में कार्यरत हैं। सुजीत झारखण्ड के गिरिडीह के रहने वालें हैं।
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