कोडरमा: विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के निमित कार्यक्रम का आयोजन, दिए गए इस संबंध में सलाह व रोकथाम के उपाय
विश्व आत्महत्या रोकथाम स्थापना 2003 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर आत्महत्या के रोकथाम के लिए की गई थी। हर साल इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने, कलंक को कम करने और संगठनों, सरकारों और जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य रखा जाता है, जिससे यह संदेश मिलता है कि आत्महत्याओं को रोका जा सकता है।
कोडरमा: राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विश्व आत्महत्या रोकथाम सप्ताह के निमित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, जयनगर में कार्यशाला का आयोजन किया गया।

युवा वर्ग युवावस्था का संक्रमण काल है, जिसमें युवाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, खास तौर से कॅरियर, जॉब, रिश्ते, खुद की इच्छाएं और भविष्य की पढ़ाई आदि है। इस मौके पर मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के सिद्धान्त ओहदार नें आत्महत्या के सामाजिक पहलुओं विस्तृत जानकरी साझा करते हुए बताया कि वर्तमान समय में सामाजिक व नैतिक मूल्यों में गिरावट, परिवारिक टूट, अकेलापन मनुष्य को धीर-धीरे आत्महत्या की तरफ प्रेरित करता है, ऐसी परिस्थितियों से लोगों को बचना चाहिए और परेशानी महसूस होने पर चिकित्सक से संपर्क कर सलाह अवश्य लेनी चाहिए और पीड़ित व्यक्ति को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय की शिक्षक भी उपस्थित थीं।
