“नो एसटी, नो वोट”, घाटशिला में कुड़मी समाज का बड़ा ऐलान
सरना धर्म कोड की स्वीकृति के लिए संघर्ष जारी
By: Mohit Sinha
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पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में कुड़मी समाज ने अपनी मांगों को लेकर उपचुनाव में वोट बहिष्कार की घोषणा की है। समाज का कहना है कि जब तक कुड़मी जाति को एसटी सूची में शामिल नहीं किया जाता और उनकी अन्य मांगों पर कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका नारा रहेगा — "नो एसटी, नो वोट"। समाज ने ग्रामसभा स्तर पर हस्ताक्षर अभियान और संगठन विस्तार की तैयारी भी शुरू कर दी है।
पूर्वी सिंहभूम: जिले के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में कुरमी - कुड़मी समाज का असंतोष अब आंदोलन से आगे बढ़कर राजनीतिक रूप ले चुका है। रेल टेका वार्ता के नाम पर ठगा महसूस कर रहे कुड़मी समाज के लोगों ने आगामी उपचुनाव में वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है। समाज ने साफ कहा है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक उनका नारा रहेगा। नो एसटी, नो वोट।
जानकारी के अनुसार, घाटशिला विधानसभा के 93 कुड़मी बहुल गांवों में अगले दस दिनों के भीतर ग्रामसभा स्तर पर संगठन का विस्तार और हस्ताक्षर अभियान शुरू किया जाएगा। इस अभियान के माध्यम से समाज अपनी मांगों को पुनः केंद्र और राज्य सरकार तक पहुंचाएगा। कुड़मी समाज लंबे समय से अपनी तीन प्रमुख मांगों में से, कुड़मी जाति को अनुसूचित जनजाति (एसटी) सूची में शामिल करने, कुङमालि भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में स्थान देने और सरना धर्म कोड की स्वीकृति को लेकर संघर्षरत है।
कुड़मी समाज के युवा नेता अमित महतो ने रविवार को कहा कि सरकार को पंद्रह दिनों के भीतर समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता करनी चाहिए, अन्यथा घाटशिला उपचुनाव का बहिष्कार निश्चित है। उन्होंने कहा कि समाज अपनी पहचान और संस्कृति की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष जारी रखेगा। इस बीच, सूरदा में आयोजित जनजागरण बैठक में समाज के प्रमुख सदस्य मानिक महतो, पीयूष महतो, मलया जी और भव तरण जी मौजूद रहे। बैठक में संगठन विस्तार, ग्रामसभा अभियान और आंदोलन की आगे की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई। समाज ने संकल्प लिया कि जब तक उन्हें उनका संवैधानिक अधिकार नहीं मिलता, तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
Edited By: Mohit Sinha
Mohit Sinha is a writer associated with Samridh Jharkhand. He regularly covers sports, crime, and social issues, with a focus on player statements, local incidents, and public interest stories. His writing reflects clarity, accuracy, and responsible journalism.
