इंडिगो उड़ान संकट: केंद्र ने हवाई किराए पर लगाई सीमा, रिफंड का अल्टीमेटम
लगातार पांचवें दिन बिगड़े हालात, यात्रियों में बढ़ी नाराज़गी
इंडिगो उड़ान संकट गहराने पर सरकार ने हवाई किराया सीमा तय की और 7 दिसंबर तक सभी रद्द उड़ानों का रिफंड पूरा करने का निर्देश दिया। पाँच दिनों से जारी व्यवधानों के बीच 400 से अधिक उड़ानें रद्द की गईं।
नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइंस की उड़ानों में लगातार पाँचवें दिन जारी भारी व्यवधान के बीच नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MOCA) ने शनिवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए हवाई किराए पर अस्थायी सीमा लगा दी है। मंत्रालय ने कहा कि उड़ानों के बड़े पैमाने पर रद्द होने से टिकटों की कीमतें “असामान्य रूप से ऊँची” हो गई थीं, जिसे नियंत्रित करना आवश्यक था।
7 दिसंबर रात 8 बजे तक रिफंड अनिवार्य

400 से अधिक उड़ानें रद्द, यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं
शनिवार दोपहर तक इंडिगो ने चार प्रमुख हवाई अड्डों से 400 से अधिक उड़ानें रद्द कर दीं।
– बेंगलुरु में 124 उड़ानें रद्द
– मुंबई में 109 उड़ानें रद्द
दिल्ली, चेन्नई और अन्य हवाई अड्डों पर भी बड़ी संख्या में उड़ानें बाधित हुईं।
टिकटों के दाम आसमान छूने लगे थे, जिससे यात्रियों — खासकर बच्चे, वरिष्ठ नागरिक, छात्र और मरीजों — को भारी आर्थिक दबाव का सामना करना पड़ रहा था।
किराए पर सीमा लागू, सभी एयरलाइनों को निर्देश
जारी आदेश में कहा गया है कि सभी एयरलाइंस तत्काल प्रभाव से निर्धारित किराया सीमा का पालन करें। ये सीमाएँ तब तक लागू रहेंगी जब तक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो जाती।
मंत्रालय ने कहा, “यदि कोई एयरलाइन निर्धारित मानकों से विचलित होती है, तो सार्वजनिक हित में तत्काल कार्रवाई की जाएगी।”
राज्यव्यापी निगरानी और समन्वय
मंत्रालय ने बताया कि वह
– वास्तविक समय के आंकड़ों
– ऑनलाइन टिकटिंग प्लेटफॉर्मों
– और एयरलाइंस के साथ लगातार समन्वय
के माध्यम से स्थिति की निगरानी कर रहा है तथा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
एयरलाइन स्टाफ नॉर्म्स में छूट मिलने के बाद भी संकट गहराया
उड़ानों में यह व्यवधान तब जारी है जब एक दिन पहले ही इंडिगो को अदालत द्वारा लगाए गए नए फ़्लाइट ड्यूटी टाइम और आराम अवधि के दूसरे चरण में अस्थायी छूट मिली थी। इसके बावजूद उड़ान संचालन सामान्य नहीं हो पाया।
यात्रियों की परेशानी पर सरकार का फोकस
सरकार का कहना है कि यह निर्देश “बाज़ार में मूल्य अनुशासन बनाए रखने और संकटग्रस्त यात्रियों का शोषण रोकने” के लिए आवश्यक है।
