Hangxing No.1: चीन ने उतारा दुनिया का पहला ‘AI Traffic Cop’, हर गलती पर तुरंत कार्रवाई

Hangxing No.1: चीन ने उतारा दुनिया का पहला ‘AI Traffic Cop’, हर गलती पर तुरंत कार्रवाई
(एडिटेड इमेज)

चीन के झेजियांग प्रांत की राजधानी हांगझोउ में ‘Hangxing No.1’ नाम का एआई ट्रैफिक‑रोबोट प्रयोग के तौर पर सड़कों पर तैनात कर दिया गया है, जो इंसानी ट्रैफिक पुलिस की तरह इशारों और आवाज़ से ट्रैफिक नियंत्रित कर रहा है। यह रोबोट अभी पायलट फेज में है, लेकिन स्थानीय पुलिस और विशेषज्ञ इसे भविष्य की ट्रैफिक मैनेजमेंट व्यवस्था की झलक मान रहे हैं।​

रोबोट ट्रैफिक पुलिस क्या है?

Hangxing No.1 हांगझोउ ट्रैफिक पुलिस टैक्टिकल यूनिट (TPTU) और स्थानीय टेक कंपनियों की साझेदारी में बना एआई‑आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट रोबोट है। करीब 1.8 मीटर ऊंचा यह मानवरूपी रोबोट सफेद हेलमेट, पीले‑काले रिफ्लेक्टिव यूनिफॉर्म, एलईडी लाइट और सीटी की आवाज़ के साथ बिल्कुल ट्रैफिक हवलदार जैसा दिखता है।​

कहां और कैसे तैनात किया गया

रोबोट को झेजियांग के हांगझोउ शहर के बिंजियांग ज़िले की व्यस्त सड़कों और चौराहों पर ट्रायल के लिए उतारा गया है, जहां यह इंसानी पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर काम कर रहा है। पहले चरण में इसे खास तौर पर Binsheng Road जैसे भीड़भाड़ वाले चौराहों पर लगाया गया है ताकि वहां ट्रैफिक अनुशासन बेहतर हो सके।​

एआई और सेंसर से लैस सिस्टम

Hangxing No.1 में हाई‑डेफिनिशन कैमरे, कई तरह के सेंसर और विज़ुअल एनालिटिक्स सिस्टम लगाए गए हैं, जो रियल टाइम में वाहनों और पैदल यात्रियों की हरकतों पर नज़र रखते हैं। यह बिना हेलमेट चलना, स्टॉप‑लाइन पार करना, रेड सिग्नल पर निकलना और जे‑वॉकिंग जैसी आम उल्लंघनों को तुरंत पकड़कर वहीं ऑडियो मैसेज के ज़रिए लोगों को नियम मानने की हिदायत देता है।​

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ट्रैफिक लाइट से सिंक्रोनाइज़ेशन

यह रोबोट ट्रैफिक सिग्नल सिस्टम से सीधे जुड़ा है, यानी सिग्नल के हरा‑लाल होने के साथ इसके मोड और इशारे भी अपने‑आप बदल जाते हैं। सिग्नल के साथ यह समन्वय मानव पुलिस वालों को ट्रैफिक फ्लो समझने और भीड़ वाली लेन को प्राथमिकता देने में मदद करता है।​

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दो ऑपरेशन मोड

स्थानीय ट्रैफिक पुलिस अधिकारी झांग वान्झे के मुताबिक Hangxing No.1 दो मुख्य मोड में काम करता है: पहला, सड़क के बीच खड़े होकर वाहनों को ‘रुकें’ और ‘आगे बढ़ें’ जैसे इशारों से निर्देशित करना, और दूसरा, चौराहों पर पैदल यात्रियों को सुरक्षित तरीके से सड़क पार करवाना और उन्हें अनुशासित रखना। दोनों मोड में इसके इशारे हांगझोउ पुलिस के असली हाव‑भाव से ट्रेन किए गए हैं ताकि ड्राइवरों को इसे समझने में दिक्कत न हो।​

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लोगों की शुरुआती प्रतिक्रियाएं

bastillepost की रिपोर्ट के अनुसार, एक पैदल यात्री ने बताया कि वह मुश्किल से आधा मीटर ही लाइन के आगे बढ़ा था कि रोबोट ने तुरंत अलर्ट दे दिया, जिससे उसे तुरंत पीछे हटना पड़ा। एक मोटरसाइकिल चालक ने कहा कि जैसे ही आप रोबोट को देखते हैं, सहज रूप से स्टॉप‑लाइन पर रुक जाते हैं और उसे ट्रैफिक अनुशासन के लिए काफी उपयोगी मानते हैं, साथ ही उनका मानना है कि इससे पुलिस बल की लागत भी घट सकती है।​

पुलिस के लिए कैसे मददगार

Hangxing No.1 लगातार वीडियो और डेटा कमांड सेंटर तक भेजता है, जिससे इंसानी अधिकारियों को भीड़ वाले पॉइंट, उल्लंघन की किस्म और समय जैसी जानकारी मिल जाती है। इसकी गतिशीलता और सर्वदिशी पहिए इसे अलग‑अलग चौराहों पर जल्दी शिफ्ट होने में सक्षम बनाते हैं, जिससे सीमित पुलिस बल के साथ भी ज़्यादा जगह कवर की जा सकती है।​

भविष्य की प्लानिंग और अपग्रेड

फिलहाल यह रोबोट पायलट फेज में है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि आगे चलकर इसमें बड़े लैंग्वेज मॉडल जोड़े जाएंगे ताकि यह वॉयस इंटरेक्शन, रूट‑गाइडेंस और सेफ्टी एजुकेशन जैसे फीचर भी दे सके। हांगझोउ प्रशासन आने वाले समय में ऐसे कई और ट्रैफिक‑रोबोट और संभवत: एक ‘रोबोट पुलिस फ्लीट’ तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि शहर की स्मार्ट‑सिटी योजना को नया स्तर दिया जा सके।​

भ्रष्टाचार पर क्या होगा असर

चीन में इस तरह के ट्रैफिक‑रोबोट की तैनाती को घूस‑खोरी पर कड़ा कदम माना जा रहा है, क्योंकि रोबोट न तो रिश्वत ले सकता है और न ही मौके पर समझौता कर सकता है। हर उल्लंघन का डेटा सीधे सिस्टम में रिकॉर्ड होने से फाइन और पेनल्टी की प्रक्रिया ज़्यादा पारदर्शी हो सकती है, जिससे बेईमान ट्रैफिक हवलदारों की गुंजाइश कम होती जाएगी।

Edited By: Samridh Desk
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