राहुल गांधी ने पीएम केयर फंड के ऑडिट की मांग उठायी

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना से लड़ाई को पीएमओ तक केंद्रित रखेंगे तो हारने की संभावना रहेगी, जिला स्तर तक ले जाएंगे तो समाधान निकल सकता है

राहुल गांधी ने कहा कि बस पीएम केयर फंड का ऑडिट होना चाहिए और देश को यह पता चलना चाहिए कि किसने और कितना पैसा इसमें दिया है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान की जनता को दर्द हो रहा है, हमें उनके साथ खड़े होना चाहिए. उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु एप को हैकर्स ने क्रैक कर दिया है, तो इसमें कहने के लिए कुछ बचा नहीं है. मेरा इतना कहना है कि आप इसे ओपेन सोर्स कीजिए. सिंगापुर के एप में ऐसा ही है. पारदर्शिता लाकर सरकार कोई भी एप चला सकती है.
पीएम केयर्स फण्ड की ऑडिट होनी चाहिए। किसने पैसा दिया; कितना दिया। ये स्पष्ट होना चाहिए : श्री @RahulGandhi#RahulFightsForIndia pic.twitter.com/PUzXPzANx0
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उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट होना चाहिए कि पीएम केयर फंड में किसने कितना पैसा दिया. उल्लेखनीय है कि पीएम केयर फंड का गठन कोरोना संकट शुरू होने व लाॅकडाउन लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित किया गया.
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि हमारे लिए संविधान सर्वोच्च है. उसमें देश को चलाने के तरीकों का उल्लेख है. आज आपात स्थिति है, लेकिन जो कानून अभी बन रहे हैं, उनको हम स्थायी नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्रियों को दिल्ली से उनके हक का पैसा नहीं मिल रहा है. हमें इनपुट मिले हैं कि भाजपा के मुख्यमंत्रियों को भी यही फीलिंग है. यह वास्तविकता है.
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने मजदूरों के रेल किराए की जो बात उठायी, वह एकदम उचित है. मजदूरों को उनका हक मिलना चाहिए. उनको पूरी सुरक्षा और मेडिकल सुविधा के साथ घर पहुंचाया जाना चाहिए.
कांग्रेस अध्यक्षा जी ने मजदूरों के रेल किराए की जो बात उठाई, वो एकदम उचित है। मजदूरों को उनका हक मिलना चाहिए। उनको पूरी सुरक्षा और मेडिकल सुविधा के साथ घर पहुंचाया जाना चाहिए : श्री @RahulGandhi#RahulFightsForIndia pic.twitter.com/EDPaCvmT5a
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उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की अपनी शैली है, लेकिन मेरे नजरिए में ऐसी स्थिति में एक मजबूत प्रधानमंत्री, बहुत सारे मजबूत मुख्यमंत्री और बहुत सारे मजबूत कलेक्टर्स की जरूरत है. मैं चाहता हूं कि हम बीमारी को लोकल लेवल पर निबटा लें. उन्होंने कहा कि आज स्थिति सामान्य नहीं है. इसमें सामान्य समाधान नहीं निकलने वाला है.
अगर हम विकेंद्रीकरण करके इस लड़ाई को जिला स्तर तक ले जाएं, तो समाधान निकल सकता है. अगर हम इस लड़ाई को पीएमओ तक रखेंगे तो हारने की संभावना है.
आरोग्य सेतू ऐप को हैकर्स ने क्रैक कर दिया है। तो इसमें कहने के लिए कुछ बचा नहीं। मेरा इतना कहना है कि आप इसे “Open source” कीजिए। सिंगापुर के ऐप में ऐसा ही है। पारदर्शिता लाकर सरकार कोई भी ऐप चला सकती है : श्री @RahulGandhi#RahulFightsForIndia pic.twitter.com/negbRsI551
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