संयुक्त कमांडर सम्मेलन 2025: भारत की सुरक्षा और सैन्य शक्ति पर गहन मंथन
2047 तक सशक्त भारत के निर्माण में सेना की भूमिका
कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोलकाता में संयुक्त कमांडर सम्मेलन का उद्घाटन किया, जिसमें देश की सैन्य ताकत और राष्ट्रीय सुरक्षा के भविष्य पर विचार-विमर्श हुआ। यह सम्मेलन भारत के सैन्य नेतृत्व और वरिष्ठ नागरिक विशेषज्ञों के बीच गहन संवाद और रणनीतिक योजना का मंच बना.
सम्मेलन का उद्घाटन और उद्देश्य

भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारतीय सशस्त्र बलों की अहम भूमिका को रेखांकित किया और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान की सराहना की. उन्होंने 2047 तक "सशक्त भारत" के निर्माण में सैन्य शक्ति को केंद्रीय भूमिका देने की बात कही. मोदी ने कहा कि भारतीय सेना की उत्तरदायित्वपूर्ण भूमिका आने वाले वर्षों में और बढ़ेगी, जिससे देश को वैश्विक मंच पर मजबूती मिलेगी.
ऑपरेशन सिद्धु का विशेष उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने सीमा सुरक्षा और आतंकी गतिविधियों की रोकथाम में भारतीय सेना की रणनीति की तारीफ की. सम्मेलन में सैन्य अधिकारी और विशेषज्ञों ने भारत की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की रणनीति, पाकिस्तान सीमा की स्थिति और सेना की नई तकनीकों पर चर्चा की.
16वां संयुक्त कमांडर सम्मेलन-2025
यह 16वां संयुक्त कमांडर सम्मेलन है, जिसमें देश का शीर्ष विचार मंच एकत्र हुआ है। इसमें तीन दिन तक वरिष्ठ नागरिक और सैन्य नेतृत्व सैन्य नीतियों, रणनीतियों, सुरक्षा, तकनीकी नवाचार और विभिन्न सुधारों पर चर्चा करेंगे. इस वर्ष सम्मेलन का विषय "सुधार का वर्ष - भविष्य के लिए परिवर्तन" है, जिसमें सेना के संचालन, संगठनात्मक सुधार और भविष्य की आवश्यकता के अनुसार बदलाव पर खास ध्यान रखा जाएगा.
सम्मेलन में थल, वायु और नौसेना के प्रमुखों, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS), रक्षा मंत्री प्रमुख सचिव, रक्षा सचिव समेत कई आला अधिकारी शामिल हुए, जिन्होंने सैन्य और सुरक्षा नीति के अहम पहलुओं पर चर्चा की.
ऐतिहासिक स्थल की अहमियत
प्रधानमंत्री मोदी ने विजय दुर्ग के ऐतिहासिक महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि यह स्थान वर्षों से भारतीय सेना की बहादुरी और राष्ट्र सेवा का प्रतीक रहा है. उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की यात्रा के बाद बंगाल से बिहार के अगले कार्यक्रम के लिए प्रस्थान किया.
मुख्य बिंदु
सम्मेलन में देश की सुरक्षा, सैन्य नीति, तकनीकी उन्नति और संगठनात्मक सुधारों पर जोर दिया गया.
भारतीय सशस्त्र बलों की भविष्य की रणनीति और प्रशिक्षण को ध्यान में रखते हुए नीतिगत निर्णय लिए जाएंगे.
तीन दिवसीय कार्यक्रम में सेना के उच्च अधिकारी, रक्षा विशेषज्ञ और नीति निर्माता शामिल हुए.
इस तरह संयुक्त कमांडर सम्मेलन-2025 भारत की सैन्य ताकत को आगे बढ़ाने और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण मंच सिद्ध हुआ है
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