BEST Election Results: ठाकरे-राज की ‘कॉम्बो पैक एंट्री’, लेकिन रिजल्ट आया 0 सीट!
ठाकरे ब्रदर्स के लिए आगे की चुनौती क्या है?
मुंबई: मुंबई की प्रतिष्ठित बेस्ट एम्प्लॉइज़ को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के चुनावों में ठाकरे बंधुओं को बड़ा झटका लगा है। पहली बार उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरे, लेकिन उनकी कोशिश पूरी तरह नाकाम रही। नतीजे में उनकी पैनल को एक भी सीट हासिल नहीं हो सकी।
हार के मायने और पृष्ठभूमि

किसे मिली कितनी सीटें?
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कुल सीटें – 21
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शंकनावर पैनल – 14 सीटें
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महासमृद्धि सहकार पैनल – 7 सीटें
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ठाकरे ब्रदर्स का पैनल – 0 सीटें
यह नतीजा ठाकरे ब्रदर्स के लिए बड़ा झटका है क्योंकि दोनों ने मिलकर एक साझा पैनल खड़ा किया था, लेकिन वोटरों ने उन्हें पूरी तरह खारिज कर दिया।
ठाकरे ब्रदर्स का समीकरण और असफलता
उद्धव ठाकरे की शिवसेना की बेस्ट कामगार सेना और राज ठाकरे की एमएनएस की कामगार कामगार सेना ने मिलकर एक संयुक्त पैनल उतारा था। दोनों गुटों की रणनीति थी कि मिलकर बेस्ट कर्मचारियों के वोट बैंक पर कब्जा करेंगे, लेकिन नतीजों ने यह साबित कर दिया कि कर्मचारियों ने उन्हें स्वीकार नहीं किया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हार केवल चुनावी हार नहीं, बल्कि ठाकरे परिवार की राजनीतिक पकड़ और उनके संगठनात्मक ढांचे पर भी बड़ा सवाल है। खासकर ऐसे समय में जब शिवसेना (उद्धव) और एमएनएस (राज) मिलकर आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।
शंकनावर पैनल की जीत की वजह
शंकनावर पैनल ने बेहतर रणनीति अपनाई। उन्होंने कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और सुविधाओं से जुड़े मुद्दों को प्रमुखता दी, जबकि ठाकरे पैनल केवल नेतृत्व की ताकत और भावनात्मक अपील पर टिका रहा। परिणामस्वरूप शंकनावर पैनल ने भारी जीत दर्ज की और पूरे चुनाव में छा गया।
राजनीतिक असर और भविष्य
इन चुनाव परिणामों ने ठाकरे बंधुओं के गठबंधन की संभावनाओं पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि –
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यह चुनाव नगर निगम चुनावों का सेमीफाइनल था।
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ठाकरे ब्रदर्स की पहली संयुक्त परीक्षा नाकाम रही।
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अब दोनों को अपनी रणनीति और गठबंधन की ताकत पर फिर से विचार करना होगा।
BEST सोसाइटी चुनाव 2025 के नतीजे ठाकरे बंधुओं के लिए चेतावनी का सिग्नल हैं। 9 सालों की सत्ता गंवाने के बाद अब उन्हें न केवल अपनी राजनीतिक रणनीति बदलनी होगी बल्कि जमीनी स्तर पर संगठन और कर्मचारियों के बीच विश्वास बहाल करना होगा।
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